2011-09-23 16:29:58

जर्मनी में यहूदी प्रतिनिधियों के लिए संत पापा का संदेश


बर्लिन 23 सितम्बर 2011 (रायटर, सेदोक) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने गुरूवार 22 सितम्बर को राईकस्टाग बिल्डिंग के एक कमरे में यहूदी प्रतिनिधियों को दिये गये संदेश में कहा- ईसाईयों को यहूदियों के जनसंहार की त्रासदियों को कदापि नहीं भूलनी चाहिए और उन्हें यहूदी धर्म के साथ अपने विश्वास की गहन निकटता के प्रति और अधिक जागरूक होना चाहिए।
यह गौर करते हुए कि जिस जगह से नाज़ियों ने यहूदियों के पूर्ण सफाये के लिए योजनाएं बनाई और कार्यान्वयन किया उस जगह को यादगारी का केन्द्रीय स्थल कहते हुए संत पापा ने कहा कि नाजियों द्वारा मानवता के खिलाफ अवमानना को केवल कुछ जर्मन ही देख सके जब 1938 में क्रिस्तालनाख में यहूदी प्रार्थनालयों और दुकानों को जला दिया गया। अडोल्फ हिटलर ने बाइबिल के ईश्वर का स्थान लेना चाहा था और यातना शिविर की भयावह तस्वीरें दर्शाती हैं कि जब मनुष्य ईश्वर से इंकार करता है तब वह क्या करने में सक्षम है।
इस याद की पृष्ठभूमि में संत पापा ने कहा कि हाल के दशकों में हुए विकास को कृतज्ञतापूर्वक स्वीकार किया जाये जो जर्मनी में यहूदी समुदाय के सच्चे विकास के बारे में कहने में सक्षम बनाता है। बर्लिन दीवार के पतन के बाद जर्मनी की राजधानी बर्लिन में यहूदियों की संख्या 20 हजार से बढ़कर लगभग एक लाख हो गयी है। यहूदी समुदाय ने पूर्वी यूरोप से आये प्रवासियों के सामाजिक पुर्नवास के लिए प्रशंसनीय प्रयास किये हैं।
संत पापा ने काथलिक चर्च और यहूदियों के मध्य संवाद को गहन बनाने के लिए किये गये प्रयासों के लिए अपनी कृतज्ञता प्रकट करते हुए कहा कि कलीसिया स्वयं को यहूदी समुदाय के समीप महसूस करती है। ईसाई-यहूदी संबंध के बारे में द्वितीय वाटिकन महासभा के दस्तावेज नोस्त्रा एताते की घोषणा के द्वारा संवाद, भाईचारा और मैत्री के पथ पर चलने का संकल्प व्यक्त किया गया। यह सम्पूर्ण काथलिक कलीसिया के लिए सच है और धन्य जोन पौल द्वितीय ने नये पथ पर उत्साहपूर्वक चलने के लिए समर्पण व्यक्त किया। जर्मनी में भी मार्च महीने के प्रथम सप्ताह में ईसाई-यहूदी सहभागिता के लिए वीक ओफ फाटरनिटी अर्थात् " भाईचारे के सप्ताह " का आयोजन किया जाता है। सन् 1970 से ही धर्माध्यक्षों और रब्बियों की वार्षिक बैठकें तथा यहूदी और ईसाई फोरम की स्थापना हुई है जिसने समयांतराल में अनेक मददगार दस्तावेज जारी किये हैं। मार्च 2006 में सम्पन्न ईसाई यहूदी संवाद बैठक एतिहासिक रहा है जिसमें कार्डिनल वाल्टर कास्पर शामिल हुए थे। यह सहयोग फलप्रद सिद्ध हो रहा है।
संत पापा ने कहा कि जर्मनी में काथलिक चर्च और यहूदी समुदाय के मध्य सहयोग फलप्रद रहा है, भरोसा पूर्ण संबंध को बढ़ाने के लिए कार्य किये जा रहे हैं। धार्मिक आयाम सहित समाज के विकास में यहूदियों और ईसाईयों की निश्चित रूप से साझा जिम्मेदारी है। उनकी कामना है कि इस यात्रा में जो लोग चल रहे हैं वे एक साथ आगे बढे। सर्वशक्तिमान ईश्वर यह वरदान दें।








All the contents on this site are copyrighted ©.