2011-09-23 16:31:13

जर्मनी में मुसलमान प्रतिनिधियों के लिए संत पापा का संदेश


बर्लिन 23 सितम्बर 2011 (सेदोक, एपी) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें शुक्रवार 23 सितम्बर को बर्लिन से एरफुर्त प्रस्थान करने से पूर्व बर्लिन स्थित परमधर्मपीठीय राजदूतावास में मुस्लिम समुदाय के लगभग 15 प्रतिनिधियों से मिले। मुसलिम समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रोफेसर मुहानाद खुर्शीद ने संत पापा का अभिवादन किया। तदोपरांत संत पापा ने अपने संदेश में कहा - मुसलमानों द्वारा जीवन के धार्मिक आयामों पर दिये जानेवाले बहुत महत्व को वे समझते हैं। इस देश में मुसलमान विशिष्ट पहचान बनते जा रहे हैं, सतत प्रयासों की जरूरत है ताकि बेहतर समन्वय और समझदारी का प्रसार हो। यह केवल शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के लिए नहीं लेकिन उस योगदान के लिए भी महत्वपूर्ण है जो प्रत्येक व्यक्ति इस समाज में जनहित की रचना करने के लिए दे सकता है।
काथलिक चर्च दृढ़तापूर्वक इस तथ्य की वकालत करती है कि धार्मिक आस्था के सार्वजनिक पहलू को वह स्वीकृति प्रदान की जानी चाहिए जो इसे देय है। बहुविध समाज में यह माँग साधारण बात नहीं है।
संत पापा ने आगे कहा कि मुसलमानों और ईसाईयों के लिए जरूरी है कि वे संवाद और परस्पर सम्मान में बढ़ें। उन्हें प्रतीत होता है कि ईसाईयों और मुसलमानों के मध्य फलप्रद सहयोग हो सकता है। उदाहरण के लिए उनके विचार से जैसे- विवाह पर आधारित परिवार की रक्षा, हर प्राकृतिक अवस्था में जीवन के प्रति सम्मान और सामाजिक न्याय का प्रसार करना जैसे मुददों पर विश्वासी रूप में वे समाज में जीवन के विभिन्न प्रमुख क्षेत्रों में महत्वपूर्ण साक्ष्य दे सकते हैं।
जर्मनी की आबादी लगभग 8 करोड़ 20 लाख है जिसमें मुसलमानों की संख्या लगभग 40 लाख है।
जर्मनी सेन्ट्रल कौंसिल ओफ मुस्लिमस के अध्यक्ष अय़मन माजयेक ने बढ़ते मुसलमान-ईसाई संवाद के लिए संत पापा के संदेश का स्वागत करते हुए कहा कि यह महत्वपूर्ण और मैत्रीपूर्ण चिह्न है। हमें एक स्वर से इस बात को स्पष्ट रूप से प्रकट करना चाहिए कि " कोई सीमा नहीं " तथा " सब कुछ चलता है " वाली मानसिकता मानव स्वभाव के खिलाफ है।








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