तमिलनाडु 22 सितम्बर 2011 (काथलिक न्यूज) भारत के तमिलनाडु राज्य में 120 से अधिक काथलिक
मछुआरों ने कुदानकुलम में परमाणु बिजली संयंत्र के निर्माण के विरोध में 12 दिनों से
जारी अपनी भूख हड़ताल समाप्त की है। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयराम जयललिता ने कलीसियाई
अधिकारियों और मछुआरों के प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के साथ 21 अगस्त को मुलाकात के समय
आश्वासन दिया कि केन्द्रीय सरकार से परमाणु बिजली संयंत्र के निर्माण कार्य पर तबतक रोक
लगायी जाने का अनुरोध किया जायेगा जबतक जनता के सब प्रकार के भय को दूर नहीं किया जाता
है।
तमिलनाडु राज्य सरकार ने एक वक्तव्य जारी किया कि राज्य के वित्तमंत्री ओ
पनेरसेल्वम की अध्यक्षता में एक प्रतिनिधिमंडल भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक
स्मारपत्र सौंपेगा जब वे संयुक्त राष्ट्र संघ की आमसभा में 27 सितम्बर को भाग लेने के
बाद भारत लौटेंगे। कोत्तार के धर्माध्यक्ष पीटर रेमेजियुस ने मुख्यमंत्री के साथ 21 सितम्बर
को मुलाकात सम्पन्न होने के बाद कहा उनकी आशा है कि सरकार उनकी माँगों पर सहमत होकर उचित
निर्णय लेगी।
काथलिक मछुआरे विगत 12 दिनों से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर थे।
उनका कहना है कि कुदानकुलाम परमाणु बिजली संयंत्र परियोजना से उनका जीवन और जीविका ख़तरे
में पड़ जाएगी। इदिनथाकरी में आयोजित परियोजना विरोध स्थल में आकर सैकड़ों हजारों लोगों
ने अपने विरोध को व्यक्त किया है।
ज्ञात हो कि न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन ओफ
इंडिया रूसी तकनीकि का उपयोग करते हुए तमिलनाडु के तिरूनेलवेल्ली जिला के कुदानकुलाम
में एक हजार मेगावाट क्षमतावाले दो परमाणु बिजली संयंत्र का निर्माण करा रही है। यह अपेक्षा
की जा रही है कि संयंत्र की पहली ईकाई दिसम्बर माह से काम करना शुरू कर देगी। कुदानकुलम
शहर राजधानी चेन्नै से 650 किलोमीटर दूर है।