कश्मीर में ईसाई विद्यालय के पुर्न-निर्माण में मुसलमानों की सहायता
पुलवामा, कश्मीर 22 सितम्बर 2011 (काथलिक न्यूज) भारत के जम्मू कश्मीर राज्य स्थित पुलवामा
जिले में ईसाई विद्यालय के पुर्ननिर्माण में मुसलमान सहायता कर रहे हैं जो पिछले साल
ईसाई विरोधी हिंसा के समय आगजनी के कारण नष्ट हो गया था। विद्यालय में अध्यापन करनेवाले
शिक्षक मुंशी मुख्तार अहमद ने कहा कि जो कुछ हुआ था वह निश्चिकत रूप से गलत था और इसे
नहीं होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि विद्यालय को जलाया जाना वास्तव में मुसलिम समुदाय
के लिए बहुत बड़ी क्षति थी। सीएनआई चर्च द्वारा संचालित टिनडल बिस्को स्कूल के लगभग 450
विद्यार्थियों में अधिकांश लोग मुसलमान हैं। विद्यालय के प्रधानाचार्य राजिन्दर कौल
ने कहा कि सरकारी स्वास्थ्य विभाग के एक कमजोर भवन में स्कूल चलाया जा रहा है। उन्होंने
कहा कि कश्मीरी आकर्षक शैली में निर्मित क्षतिग्रस्त भवन के स्थान पर अस्थायी तौर से
बनाये गये कमरों में विद्यालय का काम चलाया जा रहा है। स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्य
गुलाम मुहम्मद भट्ट ने 20 सितम्बर को स्कूल पुर्ननिर्माण के लिए योजना से संबंधित बैठक
में शामिल होने के बाद कहा कि आगजनी का कृत्य बाहर से आये लोगों का काम था। उन्होंने
नहीं जाना कितना अधिक नुकसान पहुँचाया है। श्री भट्ट ने कहा कि नये विद्यालय के निर्माण
में स्थानीय मुसलमान भी स्वयंसेवी की तरह मदद करेंगे। अमृतसर के सीएनआई धर्माध्यक्ष
प्रदीप कुमार सामान्तोरी ने कहा हमें खुशी है कि मुसलमान समुदाय ने जो कुछ हुआ उस पर
खेद व्यक्त किया है। हमें बहुत अधिक नुकसान हुआ है लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात है कि हम
शांति की पुर्नस्थापन करने में सक्षम हुए हैं। जम्मू और कश्मीर सरकार विद्यालय के
निर्माण के लिए योगदान दे रही है। ज्ञात हो कि 13 सितम्बर 2010 को अमरीका में पाक
कुरान का अपमान करने की घटना का समाचार पाकर उत्तेजित मुसलमानों की भीड़ ने विद्यालय
पर हमला कर आगजनी की थी। सुरक्षा बलों की कार्रवाई में दो दर्जन से अधिक लोग मारे गये
तथा 100 से अधिक लोग घायल हो गये थे। जम्मू कश्मीर में मुसलमानों की आबादी सन 2011 की
जनगणना के अनुसार 1 करोड़ 25 लाख है। एक सूचना के अनुसार ईसाईयों की संख्या लगभग 5 हजार
है।