वाटिकन सिटीः सन्त पापा की जर्मनी यात्रा जीवन के अनिवार्य प्रश्नों का देगी उत्तर, वाटिकन
प्रवक्ता
वाटिकन सिटी, 21 सितम्बर सन् 2011 (सेदोक): सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें की जर्मनी यात्रा
जीवन के अनिवार्य प्रश्नों का उत्तर देगी। इस सप्ताह वाटिकन टेलेविज़न के साप्ताहिक रूपक
"ओक्तावा दियेज़" के साथ बातचीत में वाटिकन के प्रेस प्रवक्ता फादर फेदरीको लोमबारदी
ने यह बात कही।
सन्त पापा गुरुवार 22 सितम्बर से रविवार 25 सितम्बर तक जर्मनी
की प्रेरितिक यात्रा पर जा रहे हैं। इस यात्रा के दौरान वे राजधानी बर्लिन, पूर्वी जर्मनी
के एरफुर्ट तथा जर्मनी के काथलिक गढ़ कहलानेवाले फ्रायबुर्ग शहर का दौरा करेंगे। अपनी
मातृ भूमि जर्मनी में यह सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें की तीसरी प्रेरितिक यात्रा है हालांकि
पहली बार वे जर्मन सरकार के निमंत्रण पर जर्मनी की आधिकारिक यात्रा कर रहे हैं।
फादर
लोमबारदी ने इस यात्रा के आदर्श वाक्य "जहाँ ईश्वर है वहीं है भविष्य" पर चिन्तन किया।
उन्होंने कहा, "आज हम भविष्य के प्रति चिन्तित समय से गुज़र रहे हैं। हमें धरती तथा उस
पर जीवन यापन करनेवालों के भविष्य की चिन्ता है, वैश्विक अर्थ व्यवस्था के भविष्य की
चिन्ता है, लोगों के बीच शान्ति की चिन्ता है, यूरोप के भविष्य के बारे में चिन्ता है
तथा युवाओं और बच्चों के भविष्य के बारे में चिन्ता है।"
फादर लोमबारदी ने बताया
कि उक्त आदर्श वाक्य सन्त पापा द्वारा ऑस्ट्रिया के मरियम तीर्थ मरियन सैल पर दिये गये
प्रवचन का वाक्य है। इसमें सन्त पापा ने यूरोप के जनसंख्या सम्बन्धी संकट को भविष्य के
प्रति विश्वास में कमी निरूपित किया है और इस तथ्य पर बल दिया है कि जब धरती पर ईश्वर
का अस्तित्व नहीं रहेगा तब वह अपने भविष्य से ही वंचित हो जायेगी।
फादर लोमबारदी
ने कहा कि सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें की यात्रा हमें समझायेगी कि किस प्रकार ईश्वर के
साथ सम्बन्ध प्रत्येक व्यक्ति को जीवन हेतु मार्ग दर्शन देता तथा उसमें समाज के प्रति
ज़िम्मेदारी का भाव उत्पन्न करता है।