2011-09-20 12:15:10

लन्दनः सहस्राब्दि लक्ष्य नहीं होंगे पूरे


लन्दन, 20 सितम्बर सन् 2011 (बी.बी.सी.): ब्रिटेन की मेडिकल पत्रिका लांसेट में प्रकाशित एक शोध के अनुसार 2015 तक बच्चों एवं महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य विषयक संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा रखे गये सहस्राब्दि लक्ष्य पूरे नहीं हो पायेंगे।

शोधकर्ताओं का कहना है कि हालांकि विकासशील देशों में बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं की मृत्यु दर को घटाने के प्रयास जारी हैं तथापि सात प्रतिशत विकासशील देश ही इस दिशा में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा निर्धारित सहस्त्राब्दि लक्ष्यों को पूरा कर सकेंगे।

शोध के अनुसार भारत में नवजात शिशुओं और महिलाओं के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण प्रगति बताई गई जबकि अनेक अफ्रीकी देशों में स्थित चिंताजनक बताई गई है। विशेष रूप से, अफ्रीका के अवर सहारा के लगभग 23 देश सहस्राब्दि लक्ष्यों को पूरा करने में असमर्थ ही रहेंगे।

उक्त शोध के अनुसार 1990 के मुकाबले में शिशुओं और महिलाओं की मृत्यु दर में अपेक्षाकृत कमी आई है किन्तु अभी भी धनी और गरीब राष्ट्रों के बीच बड़ा अन्तर बना हुआ है तथा लगभग 100 विकासशील देश ऐसे हैं जो सहस्त्राब्दि लक्ष्यों को 2015 तक पूरा करने में असमर्थ हैं। यह भी बताया गया कि प्रसव से जुड़ी मौतों की संख्या इरीट्रिया, लाइबेरिया और अफ़गानिस्तान में बहुत अधिक है।

इस बात की ओर भी ध्यान आकर्षित कराया गया कि बच्चों को विटामिन ए जैसी मूलभूत चीज़ें उपलब्ध कराने के लिए बहुत जटिल स्वास्थ्य व्यवस्था की ज़रुरत नहीं है किन्तु इसके बावजूद ये मूलभूत स्वास्थ्य सेवाएँ आम नहीं हो पा रही हैं।










All the contents on this site are copyrighted ©.