2011-09-17 19:55:20

बहिष्कार का वाटिकन पर कोई असर नहीं


वाटिकन सिटी, 17 सितंबर, 2011 (सीएनए) कुछेक जर्मन सांसदों के संत पापा के भाषण के बहिष्कार के निर्णय के बावजूद संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें अपनी योजना के मुताबिक जर्मन पार्लियामेंट को संबोधित करेंगे।
उक्त बात की जानकारी देते हुए वाटिकन प्रवक्ता जेस्विट फादर फेदेरिको लोमबारदी ने बताया कि " पूरी संसद को संबोधित करना हर्ष की बात है पर यदि कुछ इससे सहमत नहीं है तो हमें इसकी चिंता नहीं करनी है, संत पापा उन्हें संबोधित करेंगे जो संसद में उपस्थित होंगे। "
वाटिकन प्रवक्ता ने उक्त बातें उस समय कहीं जब उन्होंने 22 से 25 सितंबर तक होने वाली संत पापा की जर्मनी की तीसरी यात्रा बारे में टिप्पणी की।
ग़ौरतलब है कि स्थानीय मीडिया ने ख़बरें छापीं कि कुछेक वामपंथी सांसदों ने संत पापा के भाषण का बहिष्कार करने का मन बनाया है। विरोध करने वालों का मानना है कि संत पापा का जर्मनी के पार्लियामेंट में भाषण ‘चर्च-राज्य विभाजन के सिद्धांत’ का उल्लंघन है।
फादर लोमबारदी ने कहा कि " इस प्रकार की धमकियाँ जर्मनी की अंदरुनी राजनीति मुद्दे हैं और इसलिये यदि कोई इस प्रकार का विरोध करना चाहे तो यह संत पापा पर निर्भर नहीं है। उन्होंने कहा कि " चूँकि संत पापा राष्ट्रपति के आमंत्रण पर पार्लियामेंट को संबोधित करने जा रहें हैं इसलिये बहिष्कार की बातें नम्र और मित्रवत मनोभाव का नहीं लगता। "
संत पापा का जर्मनी की संसद को संबोधित करना अभूतपूर्व पल होगा। संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें का किसी भी पार्लियामेंट में संबोधित करने की यह पहली घटना होगी। संत पापा जोन पौल द्वितीय को अपने 27 साल के शासनकाल में सिर्फ़ इटली और पोलैंड की पार्लियामेंट को संबोधित करने का अवसर प्राप्त हुआ था।
संत पापा की अगली जर्मनी यात्रा को बहुत महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि उन्हें राष्ट्रीय अतिथि बनाया गया है। इसके पूर्व की दो यात्रायें मेषपालीय प्रेरितिक यात्रायें थीं।
संत पापा जर्मनी के तीन मुख्य शहरों बर्लिन, एरफुर्त और फ्रेइबर्ग लोगों को संबोधित करेंगे और यहूदी मुस्लिम और ऑर्थोडॉक्स ईसाइयों से मुलाक़ात करेंगे। यात्रा का आदर्श वाक्य है " जहाँ ईश्वर वहीँ भविष्य "।











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