गोवा, 14 सितंबर, 2011 (कैथन्यूज़) गोवा की काथलिक कलीसिया ने क्रोधित मुसलमानों की उस
माँग का समर्थन किया है जिसमें मुसलमानों ने कचड़ा फेंकने के लिये बने स्थल के निकट कब्रस्थान
देने के सरकारी निर्णय का विरोध किया है।
शांति और न्याय के लिये बनी गोवा धर्मप्रांतीय
परिषद के सचिव फादर मावेरिक फर्नान्डेस ने कहा है कि सरकार का निर्णय "मुस्लिम समुदाय
के लिये अपमानजनक एवं भेदभावपूर्ण" है।
परिषद के सचिव फादर मावेरिक ने सरकार
से अपील की है कि वे एक ऐसी जगह की तलाश करें जो मुस्लिम समुदाय को स्वीकार्य हो।
मुस्लिम
समुदाय का कहना है कि सरकार और स्थानीय प्रशासन गोवा विधान सभा के सन् 1999 में लिये
गये उस निर्णय अमल करे जिसके अंतर्गत में अक्वेम गाँव के निकट करीब 99 हज़ार वर्गमीटर
ज़मीन पर ईसाई हिन्दु और मुसलमान तीनों के लिये कब्रस्थान का प्रावधान था।
विदित
हो स्थानीय प्रशासन ने गोवा की व्यवसायिक राजधानी मारगाँव के निकट 31 हज़ार वर्ग मीटर
ज़मीन मुसलमानों के कब्रस्थान के लिये देने का निर्णय किया था पर मुस्लिम समुदाय में
आपसी मतभेद के कारण यह संभव नहीं हो पाया।
तब सरकार ने सोनसोदो गाँव के कचड़ा
स्थल के निकट कब्रस्थान के लिये ज़मीन देने का निर्णय किया जिसे सन् 2010 में मुसलमानों
ने अस्वीकार कर दिया।
फादर फर्नान्डेस का मानना है कि सोनसोदो स्थल धार्मिक क्रियाकलापों
के लिये उचित नहीं है क्योंकि इस क्षेत्र का पूरा वातावरण बदबुदार है।
इसके साथ
फादर ने कहा कि संविधान के अनुसार सरकार विधानसभा में लिये निर्णय के विपरीत नहीं जा
सकती।
विदित हो कि मई, 2011 में अल्पसंख्यक आयोग ने भी कब्रस्थान के लिये कचड़े
फेंकने वाले स्थल के पास वाली ज़मीन का अनुमोदन नहीं किया।
उधर गोवा मुख्यमंत्री
दिगंबर कामथ ने कहा है कि उसकी सरकार अपने निर्णय पर कायम है।