म्यूनिखः "बाऊन्ड टू लिव टुगेदर" सम्मेलन में महाधमार्ध्यक्ष वेलियो ने कहा कि यूरोप
की पहचान उसकी विविधता पर निर्मित
म्यूनिख, 13 सितम्बर सन् 2011 (सेदोक): जर्मनी के म्यूनिख शहर में इन दिनों, "बाऊन्ड
टू लिव टूगेदर" शीर्षक से जारी अन्तररराष्ट्रीय अन्तरधार्मिक सम्मेलन में सोमवार को
वाटिकन के वरिष्ठ महाधर्माध्यक्ष अन्तोनियो मरिया वेलियो ने कहा कि यूरोप की पहचान उसकी
सांस्कृतिक विविधता पर निर्मित हुई है।
आप्रवासियों की प्रेरिताई में संलग्न
परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष वेलियो ने प्रतिनिधियों को सम्बोधित अपने
प्रभाषण में कहा कि महाद्वीप के रूप में यूरोप का इतिहास विभिन्न सांस्कृतिक पृष्ठभूमियों
से आये लोगों से मिली धरोहर पर निर्मित हुआ है।
वर्तमान युग में बढ़ते आप्रवास
तथा आप्रवासियों के प्रति उपेक्षा भाव के सन्दर्भ में उन्होंने कहा कि विश्व के लिये
यह आप्रवास का युग है जिसे स्वीकार किया जाना चाहिये तथा विभिन्न जातियों के लोगों द्वारा
लाई जा रही संस्कृतियों से यूरोप को समृद्ध बनाया जाना चाहिये।
इस बात पर उन्होंने
गहन खेद व्यक्त किया कि प्रायः यूरोपीय देशों की सरकारें आप्रवास हेतु अनुकूल नीतियाँ
नहीं बना पाती जिसके परिणामस्वरूप लोगों में आप्रवासियों के विरुद्ध हिंसा, घृणा और भय
पनपता है।
म्यूनिख में इन दिनों जारी अन्तरराष्ट्रीय अन्तरधार्मिक सम्मेलन में
60 देशों के धार्मिक एवं सरकारी नेता भाग ले रहे हैं।
सोमवार को ही "ख्रीस्तीयों
के बीच एकता हेतु गठित परमधर्मपीठीय परिषद" के अध्यक्ष कार्डिनल रॉबर्ट कॉख ने प्रतिनिधियों
को सम्बोधित किया। उन्होंने इस तथ्य की ओर ध्यान आकर्षित कराया कि वर्तमान विश्व में
ख्रीस्तीय धर्म के अनुयायियों को सबसे अधिक उत्पीड़ित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि
उत्पीड़न के शिकार बनाये जा रहे लोगों में 80 प्रतिशत ख्रीस्तीय धर्मानुयायी हैं।
कार्डिनल
महोदय ने कहा कि ये आँकड़े चौका देनेवाले हैं इसलिये आज यह अनिवार्य हो गया है कि ख्रीस्त
के सभी अनुयायी एकता के सूत्र में बँधे तथा विश्व में ख्रीस्त के प्रेम सन्देश का प्रचार
करें। सभी धर्मों के प्रति सम्मान एवं मैत्री को प्रोत्साहित करने का कार्डिनल महोदय
ने सन्देश दिया।