संयुक्त राष्ट्र संघ अपनायेगा मलेशिया का आतंवादी पुनर्वास मॉडल
मलेशिया, 5 सितंबर, 2011 ( कैथन्यूज़) संयुक्त राष्ट्र संघ ने आतंवादियों के पुनर्वास
के लिये मलेशिया में अपनाये जा रहे मॉडल को अपनाने का निर्णय किया है। उक्त बात की
जानकारी देते हुए मलेशिया के ‘स्पेशल टास्क फोर्स ऑन कौन्टर टेरोरिज़्म’ के निदेशक मुहम्मद
फुजी हारुन कहा " संयुक्त राष्ट्र ने दूसरे देशों के लिये भी मलेशिया के मॉडल को लागू
करने का निर्णय किया है।" उन्होंने अपने कार्यक्रम के बारे में बतलाते हुए कहा मलेशिया
में आंतरिक सुरक्षा कानून के तहत् आतंकवादियों के दूसरे देशों में भेज दिया जाता है।
उन्होंने बतलाया कि विभिन्न आतंकवादी संगठनों के 75 पूर्व आतंवादी को सन् 2005 और
2010 के बीच में सुधारा गया और पुलिस की देखरेख में उन्हें स्वच्छंद किया गया। निदेशक
हारुन ने बताया कि यह सुधारवादी तरीका बहुत ही प्रभावकारी सिद्ध हुआ है क्योंकि उनमें
से कोई भी आतंकवादी अपने पुराने धन्धे में वापस नहीं लौटे। उन्होंने बतलाया कि आतंकवादियों
को सुधारने की प्रक्रिया उसी दिन शुरु हो जाती है जिस दिन उन्हें गिरफ़्तार किया जाता
है। गिरफ़्तारी के तुरन्त बाद उनके साथ बातचीत किया जाता है और ‘कौंसिलिंग सेशन’
चलाये जाते हैं। विचार-विमर्श में ‘शहीद होने की इच्छा’ के बारे में चर्चायें होती हैं।
इस दौरान धार्मिक प्रवचन भी दिये जाते हैं। इस प्रकार की कौंसिलिंग के लिये तईपिंग
के कामुनतिंग नामक स्थान को चुना गया है। परामर्श सभाओं में आतंकवाद से जुड़े लोगों को
यह बताया जाता है कि वे धर्मों और दूसरे समुदायों तथा जातियों का सम्मान करना सीखें।
इसके साथ उन्हें कूरान की शिक्षा और इसके संबंध में कुछ गलत शिक्षाओं के बारे में
बताया जाता है। इस प्रकार के क्लासों के लिये पुलिस दल के कुछ सदस्यों को विशेष रूप से
प्रशिक्षित किया गया है। विभिन्न कार्यशालाओं के द्वारा पुलिस दस्ता इस बात का पता
लगाती है कि आतंवादी की जागरुकता कितनी है और वह इस्लाम की शिक्षा को किस हद तक सही समझा
है। प्रत्येक प्रशिक्षु का बारीकी से अध्ययन किया जाता है। तब उसके उग्रवादी विचारों
से दूर करने का प्रयास होता है ताकि वह दुनिया को खुले मन से देख सके और सबका सम्मान
करे।