2011-09-03 20:26:39

नये सुसमाचार प्रचार के लिये ख्रीस्तीय एकता की भूमिका अहम


कास्तेल गंदोल्फो, 3 सितंबर, 2011(ज़ेनित) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने इस बात को दुहराया कि नये सुसमचार प्रचार की सफलता के लिये ख्रीस्तीय एकता की भूमिका अहम है।

संत पापा ने उक्त बातें उस समय कहीं जब उन्होंने ख्रीस्तीय एकता के लिये बनी परमधर्मपीठीय परिषद के अध्यक्ष कार्डिनल कूर्त कोच को कलीसिया की दो प्राथमिकताओं और उनके पारस्परिक संबंध के बारे में एक पत्र प्रेषित किया।

विदित हो कि संत पापा ने यह पत्र 12वें अन्तरख्रीस्तीय विचार गोष्ठी के समापन दिवस के लिये लिखा था।

चार दिवसीय सेमिनार का आयोजन फ्रांसिस्कन इंस्टीट्यूट ऑफ स्प्रीचुअलिटी द्वारा पोन्तिफिकल अतेनायुम अंतोनियानुम में और ऑर्थोडॉक्स थियोलोजिकल फैकल्टी के द्वारा अरिस्टोटल यूनिवर्सिटी थेसालोनिकी में किया गया था। सेमिनार की विषयवस्तु थी " द विटनेस ऑफ द चर्च इन द मॉडर्न वर्ल्ड " अर्थात् " आधुनिक युग में कलीसिया का साक्ष्य " ।

नये सुसमाचार प्रचार के लिये गठित परमधर्मपीठीय परिषद की स्थापना की याद करते हुए संत पाप ने कहा कि " विचार गोष्ठी की जो विषयवस्तु चुनी गयी थी मेरे लिये अति महत्त्वपूर्ण है और इन दिनों यह मेरे विचारों का केन्द्रबिन्दु है जिसके लिये मैं सदा प्रार्थना करता रहता हूँ। "

उन्होंने कहा, " विगत वर्षों में कलीसिया ने येसु की मृत्यु और पुनरुत्थान के मुक्तिदायी रहस्य की घोषणा की है और आज भी उसे चाहिये कि वह नये उत्साह से उन क्षेत्रों में इसकी घोषणा करे जहाँ के लोगों ने इसे सबसे पहले सुना पर आज सांसारिकता के प्रभाव से मानव को कमजोर करते जा रहे हैं।"

संत पापा ने कहा, " आज के युग को दो विरोधी तत्त्व प्रभावित कर रहे हैं, " एक ओर तो मानव दिगभ्रमित होकर ईश्वर के प्रति असंवेदनशील होता जा रहा है और दूसरी ओर कई ऐसे चिह्न हैं जो यह दिखाते हैं कि मानव के दिल में ईश्वर को पाने की तीव्र इच्छा है जिसे वह विभिन्न रूपों में अभिव्यक्त करता रहता है।"

उन्होंने कहा, " कैथोलिक और ऑर्थोडॉक्स कलीसिया दोनों एक ही सांस्कृतिक और आर्थिक संदर्भ में कार्य कर रही है इसलिये उनकी चुनौती भी एक ही है।"

पोप के अनुसार सुसमाचार के प्रचार के लिये अन्तरधार्मिक प्रयास अति महत्त्वपूर्ण है जैसा कि संत पापा पौल षष्टम् ने कहा था " सुसमाचार प्रचारक के रूप में हमें लोगों को इस बात को नहीं दिखाना चाहिये के हम असंगठित हैं या बँटे हुए हैं और आपसी झगड़े में उलझे हुए हैं। "

" हमें चाहिये कि हम इस बात को साक्ष्य दें कि हमारा विश्वास मजबूत है और हम एकता के एकसुत्र में बँधे हैं। हम इस बात के लिये कृतज्ञ हैं हमने एक साथ मिलकर ईमानदारी और निःस्वार्थ भाव से सत्य को खोजने का प्रयास किया है।"

उन्होंने कहा, " मैं इस बात को दुहराना चाहता हूँ कि सुसमाचार प्रचार के लिये हमें ख्रीस्तीय एकता के साक्ष्य देने की आवश्यकता है। यही हमारी ज़िम्मेदारी और आनन्द का श्रोत है।"










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