कंधमाल, 3 सितंबर, 2011(ज़ेनित) कंधमाल के ईसाइयों ने उच्च न्यायालय के उस आदेश का स्वागत
किया है जिसके अनुसार राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एक रिपोर्ट तैयार करेगा जिसके आधार पर
ईसाई विरोधी हिंसा के शिकार लोगों को मुआवजा दिया जा सके।
उकान समाचार के अनुसार
कंधमाल हिंसा के शिकार और उत्पीड़ितों के लिये बनाये के संगठन के संयोजक बिपरी चरन नायक
ने कहा कि " हम न्यायालय के आदेश का स्वागत करते हैं क्योंकि इससे सब कुछ को व्यवस्थित
किया जा सकेगा जैसा कि हिंसा के पूर्व था।"
विदित हो कि उच्च न्यायालय का यह
निर्देश उस याचिका के जवाब में आया जिसे कटक-भुवनेश्वर के पूर्व महाधर्माध्यक्ष रफाएल
चीनथ ने ईसाई-विरोधी हिंसा के बाद दायर की थी।
न्यायालय के आदेश के अनुसार आयोग
को 6 सप्ताह का समय दिया गया है। महाधर्मप्रांतीय समाज सेवा केन्द्र के निदेशक फादर मनोज
कुमार नायक ने कहा कि चर्च ने सरकार को कई बार सम्पति की क्षति संबंधी रिपोर्ट सौंपी
पर सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।
ज्ञात हो कि कंधमाल 23अगस्त सन् 2008
एक राजनीतिक स्वामी लक्ष्मणानन्दा की ह्त्या के बाद हिंसा भड़क उठी थी और हिन्दु चरमपंथियों
ने 300 ईसाई गाँवों में हमला बोल दिया था जिसमें करीब 70 लोग मारे गये थे और करीब 25
हज़ार लोग महीनों तक शरणार्थी जीवन बिताया थे।