2011-09-01 18:15:40

12 मिलियन देश विहीन लोगों को सुरक्षा और अधिकारों संबंधी अधिकार नहीं दिया जाना


(वीआर अंग्रेजी 1 सितम्बर 2011) संयुक्त राष्ट्र संघ की हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार लगभग 12 मिलियन लोग नागरिकताविहीन हैं अर्थात उनके पास किसी देश की नागरिकता नहीं है तथा वे बुनियादी मानवाधिकारों से वंचित हैं।
संयुक्त राष्ट्र संघ ने चेतावनी दी है कि समस्या बढ़ रही है क्योंकि नागरिकताविहीन स्थिति में रहनेवालों के अनेक बच्चे जन्म लिए हैं। रिपोर्ट के अनुसार इस प्रकार की प्रवृति विशेष कर दक्षिण पूर्व, केन्द्रीय एशिया, मध्य पूर्व, अफ्रीका तथा पूर्वी और पूर्वी योरूप में व्याप्त है। शरणार्थियों संबंधी संयुक्त राष्ट्र संघ की समिति के उच्चायुक्त ने कहा कि ऐसे लोगों को बहुत अधिक सहायता करने की जरूरत होती है क्योंकि अपनी परिस्थिति तथा नागरिकताविहीन स्थिति के कारण वे नैतिक दुःस्वप्न में जीवन जीते हैं। वे निजी सम्पत्ति के अधिकार से वंचित होते हैं, बैंक में खाता नहीं खुलवा सकते हैं या अपने बच्चे के जन्म या विवाह का पंजीयन नहीं करा सकते हैं। कुछ लोगों को बहुत अधिक समय् तक कैद में रखा जाता है। जिन देशों में ऐसे लोगों को अधिक समय तक कैद में रखा जाता या जो नागरिकताविहिन होते हैं उन देशों में एस्तोनिया, इराक, केन्या, नेपाल म्यांमार सीरिया. तथा थाईलैंड के नाम शामिल हैं। केवल 66 देशों ने 1954 की संयुक्त राष्ट संघ के चार्टर पर हस्ताक्षर किये हैं जो नागरिकताविहीन लोगों के न्यूनतम अधिकारों की रक्षा करते हैं। केवल 38 देश हैं जो 1961 की संविदा को मान्यता प्रदान किये हैं जो थोड़े व्यापक अर्थ में कानूनी सुरक्षा देता है। हाल के वर्षों में क्रोएशिया, पनामा, फिलीपीन्स तथा तुर्कमेनिस्तान ने इन दो में से किसी एक संविदा पर हस्ताक्षर किये हैं।








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