2011-08-24 15:09:50

बुधवरीय आमदर्शन समारोह में संत पापा का संदेश
कास्तेल गंदोल्फो


कास्तेल गंदोल्फो, 24 अगस्त, 2011 (सेदोक) बुधवारीय आमदर्शन समारोह में संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने रोम से 40 किलोमीटर दूर अवस्थित ग्रीष्म कालीन आवास कास्तेल गंदोल्फो के अपोस्तोलिक प्रासाद के एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया। उन्होंने इताली भाषा में कहा।

मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनों, आज हम मैडरिड में सम्पन्न 26वें विश्व दिवस विस्मरणीय पलों के बारे में चिन्तन करें। यह काथलिक कलीसिया के लिये एक अनुपम समय था जहाँ विश्व के विभिन्न महादेशों के करीब दस लाख युवाओं ने हिस्सा लिया और एक साथ होने का सुन्दर अनुभव प्राप्त किया। उन्होंने एक-दूसरे के साथ ईश्वरीय कृपा का आदान-प्रदान किया।

इस दिव्य अनुभव के लिये मैं ईश्वर को धन्यवाद देता हूँ जिसके द्वारा कलीसिया को एक नयी आशा प्राप्त हुई है। युवाओं ने अपने आपको येसु के जीवन से जोड़ने का पक्का मतलब किया और अपने विश्वास को मजबूत किया है।

मैं उन लोगों को भी धन्यवाद देना चाहता हूँ जिन्होंने उदारतापूर्वक इसकी सफलता के लिये कार्य किया। मैडरिड के कार्डिनल और उनके स्पेन के अन्य सहायक धर्माध्यक्षों, लोकधर्मियों के लिये बनी परिषद के सदस्यों, पुरोहितों, धर्मसमाजियों और लोक धर्मियों को को उनके सहयोग के लिये शुक्रिया।

मैं फिर से एक बार स्पेन के अधिकारियों संगठनों, संस्थाओं, स्वंयसेवकों और उन सब लोगों को जिन्होंने अपनी प्रार्थनाओं के द्वारा हमारी मदद की उन्हें हमारा धन्यवाद। इसके साथ मैं इस बात को कैसे भूल सकता हूँ कि स्पेन के सम्राट और महारानी और स्पेनवासियों जिन्होंने मेरा हार्दिक स्वागत् किया, उनके प्रति भी मैं कृतज्ञ हूँ।

संक्षेप में मैं यही कहना चाहता हूँ मैं स्पेन की सभी घटनाओं का वर्णन यहाँ नहीं कर सकता फिर भी कार्यक्रम के पहले ही दिन चिबेलेस के प्रांगण में लोगों में जो उत्साह उनकी आशायें, उनके दिल में सत्य को पाने की इच्छा और ईश्वर प्रदत्त येसु को गहराई से जानने की व्याकुलता, जिन्हें अवर्णनीय है। एल एसकोरियल के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मह्त्त्व वाले मठ में मैंने युवाओं और युवा प्राध्यापकों से मिला।

उन्हें संबोधित करते हुए मैंने उनके उनकी बुलाहट की सराहना की और
समाज और कलीसिया के लिये की जा रही उनकी सेवाओं की तारीफ़ की। प्राध्यापकों से बोलते हुए मैंने कहा कि वे अपने कार्यों में दक्ष हो जायें ताकि वे नयी पीढी को न केवल शब्दों से वरन् अपने भले उदाहण से रास्ता दिखा सकें।

क्रूस रास्ता के समय येसु के दुःखभोग और मृत्यु की घटना ने लोगों को बहुत प्रभावित किया और युवाओं ने अनुभव किया कि प्रभु येसु ख्रीस्त का क्रूस मानवता को उन सब चीज़ों को प्रदान करता है जिसकी उसे ज़रूरत है। सच माने येसु सबों को ईश्वर की ओर लौटने में मदद देता है।

जब दूसरे दिन गुरुकुल के धर्मबंधुओं के लिये अलमूदेना के महागिरजाघर में यूखरिस्तीय बलिदान सम्पन्न हुओ तो मैंने पाया कि युवा धर्मबंधु चाहते हैं कि उनका जीवन येसु पर आधारित हो ताकि वे कलीसिया की सेवा कर सकें। मेरा विश्वास है कि पावन पुरोहिताई बुलाहट में वृद्धि होगी। उस दल में कई लोग ऐसे थे जिन्होंने पूर्व में आयोजित विश्व युवा दिवस में भाग लिया था और ईश्वरीय बुलाहट की प्रेरणा पायी। मैं इस बात पर विश्वास करता हूँ कि मैडरिड में सम्पन्न हुए विश्व युवा दिवस से भी कई लोगों को प्रेरणायें मिलेंगी जो बाद में उदारतापूर्वक पुरोहित या धर्मसमाजी के रूप में अपनी सेवायें देंगे।

युवा विकलांग केन्द्र के युवाओं के स्नेह और सम्मान से मैं प्रभावित हुआ। इसके साथ ही मैंने ईश्वर को धन्यवाद दिया क्योंकि उन्होंने मुझे यह अवसर दिया कि मैं उन तमाम स्वयंसेवकों को धन्यवाद दे सकूँ जो चुपचाप ही उन विकलांगों को ईश्वरीय प्रेम और सेवा का साक्ष्य दे रहे हैं।

इसके बाद सान्ध्य प्रार्थना और दूसरे दिन समापन यूखरिस्तीय बलिदान समारोह का समय भी अति महत्त्वपूर्ण रहा। सान्ध्य प्रार्थना के समय आँधी और पानी के बावजूद प्रतिभागी युवाओं अपना धैर्य नहीं खोया और चुपचाप प्रार्थना करते रहे। पवित्र यूखरिस्तीय बलिदान युवाओं के ख्रीस्तीय विश्वास को मजबूत किया। विश्व युवा दिवस के समय युवाओं में उत्साह और कृतज्ञता के भाव आसानी से देखे जा सकते थे।

मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनों मैडरिड का विश्व युवा दिवस में स्पेन और विश्व के युवाओं ने अपने मजबूत विश्वास का साक्ष्य दिया है।यह एक ऐसा सुनहरा समय था जब विश्व के कोने-कोने से युवाओं ने एक साथ प्रार्थना, चिन्तन, वार्ता, साकारात्मक बातों के आदान-प्रदान और येसुमय जीवन जीने के अपने समर्पण को दुहराया है।
मेरा पूरा विश्वास है कि अपने घर लौटकर वे आटा में ख़मीर का कार्य करेंगे और लोगों में आशा का संचार करेंगे। मैं उनके लिये प्रार्थना करना जारी रखूँगा ताकि वे अपने समर्पण में स्थिर रह सकें। मेरी आशा है कि माता मरिया की मध्यस्थता से युवाओँ को अनेक कृपायें प्राप्त होंगी।

मैं इस अवसर पर अगल धर्मप्रांतीय युवा दिवस की विषयवस्तु की घोषणा करना चाहता हूँ जिसे संत पौल के फिलिप्पियों के पत्र के अध्याय 4 के चौथे पद से लिये गया है। " ईश्वर में सदा प्रसन्न रहें। " और ब्राजील के रियो दे जनेरो में सन् 2013 में आयोजित विश्व युवा दिवस का विषय है जाकर दुनिया के सब लोगों को मेरा शिष्य बनाओ। (संत मत्ती 28,19)। इन दोनों की तैयारी के लिये मैं आप लोगों को अभी से अपनी प्रार्थनाओं का आश्वासन और शुभकामनायें देता हूँ।


इतना कहकर संत पापा ने अपना संदेश समाप्त किया।

उन्होंने ऑस्ट्रेलिया इंडोनेशिया जापान सिंगापुर, अमेरिका के तीर्थयात्रियों तथा उपस्थित लोगों को प्रभु की कृपा और शांति की कामना करते हुए अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।









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