2011-08-23 10:54:07

जिनिवाः दमन रोकने हेतु मानवाधिकार समिति ने सिरिया पर डाला दबाव


जिनिवा, 23 अगस्त सन् 2011 (ए.पी.): संयुक्त राष्ट्र संघीय मानवाधिकार समिति ने सिरिया का आह्वान किया है कि वह विरोध प्रर्दशन करनेवालों पर आक्रमण बन्द करे।

सोमवार को जिनिवा में सिरिया की स्थिति पर अन्तरराष्ट्रीय समुदाय की आपात कालीन बैठक सम्पन्न हुई।

ग़ौरतलब है कि इस वर्ष मार्च में सीरिया में सरकार विरोधी प्रदर्शन शुरू हुए थे जिन्हें कुचलने के लिये सिरिया की सरकार शस्त्रों सहित अत्यधिक बल का प्रयोग कर रही है। संयुक्त राष्ट्र संघ की मानवाधिकार समिति के अनुसार मार्च माह से अब तक, सिरियाई सरकार के दमनचक्र में 2,200 लोग मारे गए हैं।

समिति की अध्यक्षा नवी पिल्ले ने यह भी बताया कि रमज़ान के महीने की शुरुआत से अब तक 350 प्रदर्शनकारियों की जानें गई है। उन्होंने कहा, "शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को कुचलने के लिए सिरियाई सेना और सुरक्षा बल भारी तोप समेत अत्यधिक बल का प्रयोग कर रहें हैं।'' इन प्रदर्शनों के दौरान सरकारी सैन्य बलों द्वारा मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन का भी उन्होंने आरोप लगाया। सोमवार की बैठक में यह प्रस्ताव भी रखा गया है कि एक अंतरराष्ट्रीय जांच दल सीरिया में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानून के उल्लंघन की जांच करे।

इस बीच, संयुक्त राष्ट संघ के महासचिव बान की मून ने कहा है कि सिरिया ने, प्रदर्शनों पर आक्रमण न करने का अपना वादा नहीं निभाया है। महासचिव के अनुसार सिरियाई राष्ट्रपति असद ने फ़ोन पर वादा किया था कि प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध सैनिक कार्रवाई बंद हो गई है।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए महासचिव ने कहा, "यह बहुत दुख की बात है कि उन्होंने अपना वादा नहीं निभाया। मुझे आशा है कि वे अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपील पर ध्यान देंगे।"

सोमवार को बड़ी संख्या में लोग होम्स शहर में संयुक्त राष्ट्र संघीय जाँच दल से मिलने शहर के क्लॉक स्क्वेयर पर जमा हुए थे और लीबिया की घटनाओं से प्रभावित होकर ''गद्दाफ़ी गए अब तुम्हारी बारी है बशर'' के नारे लगाने लगे रहे थे। किन्तु, प्रदर्शनकारियों के अनुसार जैसे ही संयुक्त राष्ट्र का दल वहां से निकला वैसे ही सीरियाई सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों पर अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दी।









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