2011-08-23 10:52:11

उड़ीसाः गिरजाघरों को ध्वस्त करने की योजना से ख्रीस्तीय असहमत


उड़ीसा, 23 अगस्त स्न 2011 (कैथन्यूज़): उड़ीसा के ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों ने कहा है कि वे अधिकारियों द्वारा दो गिरजाघरों को ध्वस्त किये जाने के आदेश को चुनौती देने के लिये तैयार हैं। ये दोनों गिरजाघर, 2008 में कंधमाल ज़िले में हुई ख्रीस्तीय विरोधी हिंसा के बाद विस्थापितों द्वारा निर्मित किये गये थे। विगत माह अधिकारियों ने यह कहकर कि गिरजाघर सरकारी भूमि पर निर्मित किये गये हैं इनके ध्वस्त करने की नोटिस जारी कर दी थी।

मानवाधिकार कार्यकर्त्ता धीरेन्द्र पंडा ने रविवार को कहा कि यह नोटिस साफ दर्शाता है कि कंधमाल हिंसा में प्रशासन भी लिप्त था।

उन्होंने कहा, "यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि उपेक्षा भाव रखनेवाला प्रशासन अब इस प्रकार के दाँव पेच अपना रहा है।"

12 अगस्त को कंधमाल ज़िला अधिकारियों ने उक्त नोटिस जारी किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि नन्दागिरी तथा मोन्डासोरा गाँवों में सरकारी ज़मीन पर अवैध रूप से गिरजाघरों का निर्माण किया गया है।

इन गाँवों में आ बसे विस्थापितों को भूमि से चले जाने के लिये 30 दिन की मोहलत दी गई है।

ख्रीस्तीय विरोधी हिंसा से पीड़ित लोगों के बीच काम करनेवाले मोन्टफोर्ड ब्रदर के.जी. मार्कोज़ ने कहा कि सरकारी नोटिस धमकियों से भरी है।

उन्होंने कहा, "ख्रीस्तीय लोग इन गाँवों में आ बसे हैं तथा अपने धर्म का पालन करना चाहते हैं किन्तु सरकार उन्हें डरा धमका रही है।" इसके अतिरिक्त, उन्होंने कहा, "हिन्दु चरमपंथी ख्रीस्तीयों को, हिन्दु धर्म अपनाये बग़ैर, गाँवों को लौटने नहीं दे रहे हैं।"

कटक भूबनेश्वर महाधर्मप्रान्त के फादर मृत्युंजय नायक ने कहा कि उक्त दोनों गिरजाघर उस भूमि पर निर्मित किये गये हैं जिसे सरकार ने धार्मिक कार्यों के लिये आबंटित किया था। उन्होंने कहा कि तथ्यों के आधार पर यह कहा जा सकता है उड़ीसा में ख्रीस्तीयों का उत्पीड़न जारी है।









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