2011-08-21 12:49:02

मैडरिडः प्रचण्ड वायु एवं वर्षा ने सन्त पापा को प्रवचन रोकने हेतु किया बाध्य


मैडरिड, 21 अगस्त सन् 2011 (सेदोक): मैडरिड में कई दिनों तक लगातार कड़ाके की धूप एवं 40 डिगरी सैलसियस तक उच्च तापमान के बाद, शनिवार 20 अगस्त को, अचानक प्रचण्ड वायु एवं तूफानी बारिश ने सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें को, मैडरिड के क्वात्रो वियेन्तोस हवाई अड्डे पर एकत्र युवाओं के समक्ष, अपना प्रवचन रोकने पर बाध्य कर दिया।

सन्त पापा अपने प्रवचन के केवल आरम्भिक शब्द ही पढ़ पाये। शेष प्रवचन लिखित रूप में युवाओं में वितरित कर दिया गया। लगभग 10 लाख युवा दिनभर की कड़ी धूप में "क्वात्रो वियेन्तोस" हवाई अड्डे पर सन्त पापा की बाट जोहते रहे थे। युवाओं का रात्रि जागरण समारोह सुनियोजित ढंग से शुरु हुआ जिसमें सबसे पहले विश्व युवा दिवस के क्रूस को शोभा यात्रा में मंच पर प्रतिष्ठापित किया गया। तदोपरान्त, पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार पाँचों महाद्वीपों से पाँच युवाओं ने सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें के समक्ष अपना-अपना साक्ष्य प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर यू.के. के युवा पौल हिचिंग्स ने सन्त पापा से प्रश्न किया कि क्या प्रभु येसु ख्रीस्त सबके मुक्तिदाता हैं या फिर केवल ख्रीस्तीयों के? केनिया की वारा रोज़लीन ने प्रश्न किया केनिया, इथियोपिया और सोमालिया जैसे देशों में लोग बहुत अधिक पीड़ा सह रहे हैं, इस परिप्रेक्ष्य में लोगों को यह कैसे समझाया जाये कि येसु ख्रीस्त हमारे बीच जीवित हैं तथा हममें से प्रत्येक की उन्हें परवाह है? इसी प्रकार स्पेन के रॉबर्ट साईमन ने पूछा कि वैवाहिक जीवन को निष्ठापूर्वक कैसे जिया जाये?

युवाओं के इन प्रश्नों का उत्तर सन्त पापा ने अपने प्रवचन से दिया। प्रचण्ड वायु एवं वर्षा ने रंग में भंग ज़रूर डाला किन्तु युवा अपनी अपनी जगह बने रहे मानो इतने दिनों की कड़ी धूप एवं गर्मी के बाद बादलों ने फटकर उन्हें अनुगृहीत कर दिया हो। वर्षा के बावजूद लाखों युवा "ये सन्त पापा के युवा हैं", गीत गाने लगे। कुछ मिनटों बाद जब वर्षा थमी तब सन्त पापा ने युवाओं से कहाः "प्रिय युवा मित्रो, आपके धैर्य के लिये धन्यवाद, आपकी शक्ति वर्षा से अधिक बलवान है।" उन्होंने कहा, "प्रभु, वर्षा के साथ, हम पर अनेक कृपायें बरसाते हैं। इसके भी आप उदाहरण हैं।"

प्रवचन को वहीं समाप्त करते हुए सन्त पापा ने युवाओं का अभिनन्दन किया। इताली भाषा में विनोदपूर्वक उन्होंने कहा कि यह रात्रि जागरण आप सबके जीवन का एक अपूर्व अनुभव रहेगा।

उन्होंने कहा, "उस लौ की आप रक्षा करें जिसे प्रभु ने आज की रात आप सबके हृदयों में प्रज्वलित किया है। इसे कभी बुझने न दें, प्रतिदिन इसे नवीकृत करें, अन्धकार में जीवन यापन करनेवाले अपने साथियों तथा इसकी खोज करनेवालों में आप इसे बाँटें।"

रात्रि जागरण समारोह स्थल से जाते समय सन्त पापा ने सभी युवाओं को आशीर्वाद दिया तथा विश्वास में सुदृढ़ रहने का परामर्श दिया। सभी को शुभ रात्रि की मंगलकामनाएँ अर्पित कर सन्त पापा ने युवाओं से विदा ली।

सन्त पापा के जाने के बाद भी यूखारिस्तीय शोभायात्रा, पवित्र घड़ी एवं आशीर्वाद की प्रार्थना के साथ रात्रि जागरण रविवार बड़े सबेरे तक जारी रहा।







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