श्री लंका, 17 अगस्त सन् 2011 (कैथन्यूज़): श्री लंका के काथलिक धर्माधिपति कार्डिनल
मैलकम रणजीत ने देश में शांति स्थापना की अपील की है। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों एवं
जातियों के लोगों को प्रयास करना चाहिये कि तीन दशकों तक चले युद्ध के घावों को भरा जा
सके तथा पुनर्मिलन एवं शांति की स्थापना हो सके।
श्री लंका के तमिल एवं मुसलमानों
के अधिकारों की रक्षा का आह्वान कर कार्डिनल महोदय ने कहा, "हमें इस भ्रम को हटाना होगा
कि अल्पसंख्यक समुदाय बहुसंख्यक समुदाय के लिये सदैव एक ख़तरा है।"
15 अगस्त को
मरियम के स्वर्गोदग्रहण महापर्व के उपलक्ष्य में मन्नार स्थित मरियम तीर्थ पर प्रवचन
करते हुए कार्डिनल रणजीत ने श्री लंका में शांति स्थापना की अपील की।
युद्ध के
दौरान हुए मानवाधिकारों के अतिक्रमणों की जाँच में अन्तरराष्ट्रीय समुदाय का सहयोग करने
हेतु भी उन्होंने देशवासियों से अपील की।
उन्होंने कहा, "यदि हम सब कुछ का बहिष्कार
करेंगे तो एक छोटा सा देश होने के नाते हम विश्व से बिलकुल कट जायेंगे।" उन्होंने कहा
कि सत्य का पता लगाने में हमें किसी बात का डर नहीं होना चाहिये।
संयुक्त राष्ट्र
संघ ने युद्ध के अन्तिम चरण में श्री लंका की सेना तथा तमिल गुरिल्लाओं द्वारा हुए मानवाधिकारों
के उल्लंघन की स्वतंत्र जाँच का आह्वान किया है।
कार्डिनल महोदय ने कहा, "विभाजनों
को समाप्त करने तथा एक साथ मिलकर देश में यथार्थ शांति एवं समृद्धि लाने हेतु काम करने
का समय आ गया है।"