कास्तेल गोन्दोल्फोः सिरिया और लिबिया में सन्त पापा ने की शांति की अपील
कास्तेल गोन्दोल्फो, 08 अगस्त, सन् 2011 (सेदोक): सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने सिरिया
और लिबिया में पुनर्मिलन एवं शांति की अपील की है। इन दोनों देशों में व्याप्त हिंसा
के प्रति सन्त पापा ने गहन चिन्ता व्यक्त की और कहा कि शस्त्रों से किसी भी समस्या का
समाधान नहीं मिलेगा।
रविवार को कास्तेल गोन्दोल्फो स्थित प्रेरितिक प्रासाद के
झरोखे से सन्त पापा ने तीर्थयात्रियों के साथ मध्यान्ह देवदूत प्रार्थना की। इस प्रार्थना
के उपरान्त उन्होंने सिरिया में लोगों एवं सरकार के बीच जारी झगड़ों की समाप्ति का आह्वान
किया। साथ ही अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि वह लिबियाई सरकार के साथ रचनात्मक
वार्ता के द्वारा एक शांति समझौते पर पहुँचे।
तीर्थयात्रियों को सम्बोधित कर
सन्त पापा ने कहा, "गहन चिन्ता के साथ सिरिया में नित्य बढ़ती हिंसक घटनाओं की खबरों
को मैं सुन रहा हूँ जिसमें कई लोग हताहत हुए हैं। काथलिकों से मैं प्रार्थना का आर्त
निवेदन करता हूँ ताकि पुनर्मिलन, विभाजन और घृणा को परास्त कर सके। सिरिया के अधिकारियों
और वहाँ की जनता से मैं अपील करता हूँ वे शीघ्रातिशीघ्र शांति स्थापित करें जिससे सिरियाई
लोगों की वैध मांगें पूरी हों, सबकी प्रतिष्ठा का सम्मान हो तथा प्रान्तीय स्थायित्व
को प्रोत्साहन मिले।"
तदोपरान्त, लिबिया में कई माहों से जारी युद्ध की समाप्ति
का आह्वान करते हुए सन्त पापा ने कहाः "लिबिया की तरफ मेरे विचार अभिमुख होते हैं जहाँ
शस्त्रों का उपयोग समस्या का समाधान नहीं ढूँढ़ पाया है। अन्तरराष्ट्रीय संगठनों तथा
राजनैतिक एवं सैन्य ज़िम्मेदारियाँ रखने वाले सभी लोगों से मैं अर्ज़ करता हूँ कि वे
दृढ़संकल्प के साथ, समझौतों एवं रचनात्मक वार्ताओं द्वारा, लिबिया के लिये एक शांति योजना
तैयार करें।"
फरवरी माह से लिबियाई नेता जनरल गद्दाफ़ी को अपदस्थ करने के लिये
विद्रोहियों एवं लिबियाई सेना के बीच सशस्त्र युद्ध चल रहा है जिसमें नेटो सेना भी शामिल
है।
दूसरी ओर मार्च माह में ट्यूनिशिया, मिस्र तथा मध्यपूर्व के अनेक देशों में
स्वतंत्रता के लिये आरम्भ कथित "जैसमिन रेव्ल्यूशन" कही जानेवाली क्राँति के आरम्भ के
बाद से सिरिया में भी जनता राष्ट्रपति असद के विरुद्ध प्रदर्शन करती रही है। सिरियाई
अधिकारियों के दमन में सैकड़ों सिरियाई लोग मारे गये हैं।