रोम, 6 अगस्त, 2011(सीएनए) अरब मामलों के एक विशेषज्ञ नामन तारचा ने कहा है कि " सीरिया
में राष्ट्रपति बशर अल अस्सद का पतन ईसाइयों के भविष्य के लिये चिंता का विषय है।" रोम
में अवस्थित सांस्कृतिक केन्द्र ‘बोक्का देल्ला वेरिता’ के निदेशक नामन तारचा ने कहा
कि " अगर विद्रोहियों को सफलता मिली तो वे सीरिया को इस्लामिक देश बना देंगे। " उन्होंने
कहा कि पश्चिम के टेलेविज़न यह दिखाने का प्रयास कर रहे हैं कि " विद्रोहियों का आंदोलन
शांतिवादी आंदोलन है पर यह सत्य नहीं है। स्थानीय सीरियाई ईसाइयों के अनुसार विद्रोही
प्रत्येक शुक्रवार को एक साथ जमा होते हैं और प्रार्थना करते हैं विशेष करके हमा शहर
में। तार्चा ने कहा है कि " जहाँ तक उसकी जानकारी है राष्ट्रपति अल-अस्सद एक ईमानदारी
व्यक्ति हैं। इसका मतलब यह भी नहीं है कि उनके शासन काल में भ्रष्टाचार से अछूता रहा
और उन्होंने कोई गलतियाँ नही कीं। उदाहरण के लिये उन्होंने स्वतंत्रता और प्रजातंत्र
संबंधी सुधार लाने में बहुत देर कर दी।" उन्होंने कहा " राष्ट्रपति बसर अल अस्सद
के भले व्यकि हैं और उनमें परिवर्तन आ सकता है। लोगों को चाहिये कि वे राष्ट्रपति को
मदद करें ताकि उनमे परिवर्तन आ सके।" 5 अगस्त शुक्रवार को सीरिया सरकार ने ‘मेना’
में एक आधिकारिक घोषणा की कि राष्ट्रपति अस्सद ने देश की शासन व्यवस्था बहुदलीय पार्टी
पद्धति के तहत् करना चाहते हैं। 35 वर्षीय तार्चा ने बताया कि " सीरियाई ईसाई परिवर्तन
चाहते हैं पर हिंसा और हत्याओं के रास्ते नहीं।" विदित हो कि सीरिया की कुल आबादी
के 10 प्रतिशत लोग ईसाई हैं। सीरियाई ईसाइयों का भय है कि कही सीरिया में ईसाइयों की
स्थिति वैसी न हो जाये जैसा सद्दाम हुसैन के सन् 2003 में अपदस्त किये जाने के बाद ईराक
में हुई थी। .