नोर्वे में की गयी हत्या ईश्वर और सच्चे ईसाई विश्वास के ख़िलाफ
वाटिकन सिटी, 1 अगस्त, 2011 (सीएनए) सुसमाचार प्रचार के लिये बनी परमधर्मपीठीय परिषद
के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष साल्वातोरे ‘रिनो’ फिसीकेल्ला ने कहा है कि " नोर्वे में की
गयी हत्या ईश्वर और सच्चे ईसाई विश्वास के ख़िलाफ है।"
विदित हो 90 से ज़्यादा
युवाओं को गोली से उड़ाने वाला 32 वर्षीय अंदेर्स बेहरिंग ब्रेईविक ने दावा किया था कि
वह ऐतिहासिक रूप से ख्रीस्तीय धर्म मानने वाले देशों को मुसलमानों से बचाने के लिये ऐसा
किया।"
महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि " यह मानवता के लिये दुःखद समय है। हम धर्म
का उपयोग हिंसा के लिये कदापि नहीं कर सकते हैं और ईश्वर नरसंहार में विद्यमान नहीं हो
सकते।"
सुसमाचार प्रचार के लिये वाटिकन के नवनिर्मित विभाग के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष
साल्वातोरे ने उक्त बातें उस समय कहीं जब उन्होंने 28 जुलाई वृहस्पतिवार सीएनए को एक
साक्षात्कार दिया।
उन्होंने कहा कि " ईसाई धर्म एक सांस्कृतिक अस्त्र नहीं
है पर यह प्रेम का धर्म है आनन्द और सम्मान का धर्म है।"
महाधर्माध्यक्ष ने कहा
कि " यूरोप में बदलते परिवेश के बावजूद प्रत्येक ईसाई को चाहिये कि वह अपने पड़ोसी को
बिना किसी भेदभाव के प्यार करें।"
उन्होंने कहा कि " ‘आदर’ या ‘सम्मान’ शब्द
का बाईबल में व्यापक अर्थ है। इसका अर्थ है कि इस दुनिया में कई लोग ऐसे हैं जो हमारे
समान न सोचते, न विचार करते हैं न ही हमारे धर्म के बारे में जानते हैं फिर भी हम उनका
सम्मान करें और उन्हें भी चाहिये कि वे हमारा सम्मान करें।"
धर्माध्यक्ष साल्वातोरे
ने कहा कि " हाल में यूरोप में मुसलमानों की संख्या में वृद्धि की साथ ही यूरोपवासियों
के लिये यह चुनौती बन गयी है कि वे अपने अपने ईसाई परंपरा को जानें और उसमें सुदढ़ बनें।"
महाधर्माध्यक्ष ने इस बात को स्वीकार करते हुए कहा कि " हमें इस बात को नहीं
भूलना चाहिये कि ईसाई अस्मिता खतरे में है। कई अपने धर्म के बारे में नहीं जानते, कई
विश्वास के सार को नहीं समझते।"
उन्होंने कहा कि " इस्लाम और अन्य धर्मों की
हमारे लिये यही चुनौती देती है कि हम अपने आपको ख्रीस्तीयता की जड़ों और परंपराओं को
जानें।"
धर्माध्यक्ष मिसीकेल्ला ने कहा कि " नये सुसमाचार प्रचार के लिये अनेक
में से एक साधन यह हैं हम ईसाई होने के अर्थ और इसकी अस्मिता को जानें।"
उन्होंने
कहा कि " यूरोप में विश्वास के प्रति सच्ची जागरुकता का अर्थ है " ईसाई इस बात के लिये
न सिर्फ़ अपनी भली इच्छाओं के लिये सम्मानित हों पर उस नयी जीवनशैली के लिये भी जिसकी
घोषणा ईसा ने की थी।"