2011-08-01 16:26:34

देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व संत पापा द्वारा दिया गया संदेश


कास्तेल गांदोल्फो, रोम 1 अगस्त 2011 (सेदोक, एशिया समाचार ) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने रविवार 31 जुलाई को कास्तेल गांदोल्फो स्थित प्रेरितिक प्रासाद के भीतरी प्रांगण में देश विदेश से आये लगभग 3 हजार तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के साथ देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ किया। उन्होंने रविवारीय परम्परा के अनुसार देवदूत संदेश प्रार्थना के पाठ से पूर्व इताली भाषा में तीर्थयात्रियों को सम्बोधित करते हुए कहाः

अतिप्रिय भाईयो और बहनो,

इस रविवार का सुसमाचार पाठ रोटियों का चमत्कार का वर्णन करता है जिसे येसु ने उनकी खोज में आये जनसमूह के लिए किया जो उनके वचन को सुनने तथा विभिन्न बीमारियों से चंगाई पाने के लिए आये। सन्ध्या होने पर शिष्य येसु के पाकर जाकर उनसे कहे कि वे लोगों को विदा कर दें ताकि वे गाँवों में जाकर अपने लिए खाना खरीद लें और तरोताजा हो सकें। लेकिन प्रभु के मन में कुछ और था। उन्होंने कहा- उन्हें जाने की जरूरत नहीं, तुम लोग ही उन्हें खाना दे दो। इस पर शिष्यों ने कहा- पाँच रोटियों और दो मछलियों के सिवा यहाँ हमारे पास कुछ नहीं है। तब येसु ने जो कुछ किया वह हमारे मन के सामने यूखरिस्त संस्कार को लाता है- उन्होंने स्वर्ग की ओर आँखें उठाकर आशिष की प्रार्थना पढी और रोटियाँ तोड़-तोड़ कर शिष्यों को दीं और शिष्यों ने लोगों को। कुछ रोटियों को भ्रातृत्वमय तरीके से बाँटने का यह चमत्कार है, जिसने ईश्वर की शक्ति को व्यक्त किया न केवल हर व्यक्ति के लिए लेकिन इससे कहीं अधिक बचे हुए टुकड़ों से बारह टोकरे भर गये। प्रभु अपने शिष्यों का आह्वान करते हैं कि वे जनसमूह के बीच रोटियों को बाँट दें, इस तरह वे उन्हें भावी प्रेरितिक मिशन के लिए सिखाते और तैयार करते हैं। यह सब लोगों के लिए जीवन के वचन और यूखरिस्तीय संस्कार का आहार प्रदान करेगा।

चमत्कारी चिह्न में ईश्वर का देहधारण तथा मुक्ति का काम दोनों एक दूसरे से जुड़े हैं। येसु वस्तुतः, नाव से उतरकर लोगों से मिलने के लिए चल पड़े। पापमोचक संत मक्सीमुस कहते हैं- ईशवचन ने, हमारे लिए इसे उचित देखा कि सिवाय पाप के, देह में उपस्थित हों, हमें पुष्ट करते हैं। वे हमें शब्दों और जीवन उदाहरण द्वारा शिक्षा देते हैं जो हमारे अनुकूल हैं।

यहाँ हमारे सामने प्रभु लोगों के लिए सहानुभूति होने का अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। इन दिनों कोई भी व्यक्ति होर्न औफ अफ्रीका क्षेत्र में रह रहे भाई बहनों के बारे में सोच सकता है जो सूखे की भयानक स्थिति से पीडित हैं। यह स्थिति युद्ध और मजबूत संस्थानों की कमी के कारण बदतर हो गयी है। येसु ख्रीस्त शारीरिक जरूरतों के प्रति सजग हैं लेकिन इससे अधिक देना चाहते हैं क्योंकि मनुष्य हमेशा कुछ अधिक के प्रति भूखा रहता है। ख्रीस्त की रोटी में ईश्वर का प्रेम है। उनके साथ साक्षात्कार में, कहा जा सकता है कि हम जीवंत ईश्वर को खाते हैं, वास्तव में स्वर्ग से उतरी रोटी को खाते हैं।
प्रिय मित्रो, यूखरिस्त में येसु हमें हर भाई-बहन के लिए ईश्वर की सहानुभूति का साक्ष्य बनाते हैं। यूखरिस्तीय रहस्य इस प्रकार हमारे पड़ोसी के प्रति उदारता की सेवा को उत्पन्न करता है। इसका साक्ष्य येसु धर्मसमाज के संस्थापक संत इग्नासियुस लोयोला ने भी दिया जिसका आज कलीसिया पर्व मना रही है। वस्तुतः इग्नासियुस ने सब चीजों में ईश्वर को देखना तथा सम्पूर्ण सृष्टि में ईश्वर को प्रेम करना चुना। हमारी प्रार्थना को हम कुँवारी माता मरियम की मध्यस्थता के सिपुर्द करते हैं ताकि वे हमारे दिलों को भ्रातृत्वमय शेयरिंग और अन्यों के प्रति सहृदयता के लिए खोलें।


इतना कहने के बाद संत पापा ने देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ किया और सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।








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