महाधर्माध्यक्ष चुल्लीकट द्वारा अभिभावकों के अधिकारों का समर्थन
न्यू यार्क अमरीका 28 जुलाई 2011 (जेनित) संयुक्त राष्ट्र संघ में वाटिकन के स्थायी पर्यवेक्षक
महाधर्माध्यक्ष फ्रांसिस चुल्लीकट ने युवाओं पर संयुक्त राष्ट्र संघ की उच्च स्तरीय बैठक
में कहा कि युवा संबंधी संयुक्त राष्ट्र संघ की नीतियों को ह्यूमन सेक्सुआलिटी, प्रजनन
स्वास्थ्य सहित अपने बच्चों की शिक्षा दिलाने संबंधी अभिभावकों के अधिकार का सम्मान करना
चाहिए।
उन्होंने कहा कि हर युवा का पालन-पोषण ऐसे परिवेश में होना चाहिए जहाँ
वह विकसित होने तथा सीखने में सक्षम है अर्थात समुदाय और समाज जहाँ शांति, सौहार्द है
तथा जो हर प्रकार की हिंसा एवं विवाद से मुक्त है। हर बच्चे के व्यक्तित्व का पूर्ण और
सामंजस्यपूर्ण विकास होने के लिए उसे परिवार के वातावरण में बढ़ने का अवसर मिलना चाहिए
जहाँ खुशी, प्रेम और समझदारी का माहौल है।
महाधर्माध्यक्ष चुल्लीकट ने कहा कि
इस प्रकार का वातावरण अच्छी और जिम्मेदार नागरिकता का प्रसार करेगा जो मानवता के सामान्य
हित के लिए अपरिहार्य है। उन्होंने कहा कि परिवार में ही नैतिक जिम्मेदारी और दूसरों
के लिए सम्मान करना सीखा जाता है। बच्चों की हर क्षमता का विकास होने में परिवार की महत्वपूर्ण
भूमिका होती है तथा वे शांति, न्याय तथा हर व्यक्ति की प्रतिष्ठा और समानता जैसे नैतिक
और आध्यात्मिक मूल्यों का प्रशिक्षण पाते हैं। एक स्त्री और एक पुरूष के विवाह पर आधारित
परिवार समाज की प्राकृतिक और बुनियादी ईकाई है तथा इसे समाज और सरकार द्वारा सुरक्षा
सुनिश्चित रूप से दी जानी चाहिए।
महाधर्माध्यक्ष चुल्लीकाट ने कहा कि बच्चों
के पालन-पोषण और उन्हें सदगुण सम्पन्न नागरिक एवं नेता बनने में मदद करना अभिभावकों की
एक साथ प्राथमिक जिम्मेदारी है। इस अपरिहार्य भूमिका से वे हट नहीं सकते हैं तथा सरकारों
का आह्वान किया जाता है कि अंतरराष्ट्रीय संविदाओं के सामंजस्य में अभिभावकों के अधिकार,
कर्तव्य और जिम्मेदारी का सम्मान करें। सदस्य राष्ट्र सरकारों द्वारा स्वीकृत युवाओं
से जुड़ी नीतियाँ, प्रोग्राम, कार्य योजना और समर्पण बच्चों के कल्याण और उनके शिक्षण
के संबंध में अभिभावकों की भूमिका का सम्मान करें।