रोमः पूर्वी अफ्रीका में हज़ारों मौत की क़गार पर, कोर ओनुम
रोम, 20 जुलाई सन् 2011 (ज़ेनित): वाटिकन के लोकोपकारी कार्यों का समन्वय करनेवाली परमधर्मपीठीय
समिति "कोर ओनुम" ने चेतावनी दी है कि पूर्वी अफ्रीका में सैकड़ों हज़ारों लोग आधारभूत
ज़रूरतों की कमी के कारण मृत्यु का ख़तरा झेल रहे हैं।
मंगलवार को जारी एक अपील
में समिति ने सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें की अपील को दुहराते हुए पूर्वी अफ्रीका के प्रति
अन्तरराष्ट्रीय एकात्मता का आह्वान किया। रविवार को देवदूत प्रार्थना के अवसर पर सन्त
पापा ने अफ्रीका के लोगों के लिये अपील की थी।
पूर्वी अफ्रीका की स्थिति को संकटपूर्ण
मानवतावादी आपात स्थिति निरूपित कर समिति ने कहा, "लगभग एक करोड़ पीड़ा से कराह रहे हैं
तथा सैकड़ों हज़ारों शरणार्थी आधारभूत ज़रूरतों के अभाव में मृत्यु का ख़तरा झेल रहे
हैं। सोमालिया तथा उत्तरी केनिया में सबसे अधिक प्रभावित हैं।"
एक रिपोर्ट के
अनुसार बुधवार को संयुक्त राष्ट्र संघ घोषित करनेवाला था कि दक्षिण सोमालिया के कई क्षेत्र
अकालग्रस्त हैं। इस प्रकार का अकाल विगत साठ वर्षों के बाद पहली बार देखा गया है। पिछला
आधिकारिक अकाल सन् 1984-85 में घोषित किया गया था जिसमें इथियोपिया और सूडान के कम से
कम दस लाख लोगों की मृत्यु हो गई थी।
ग़ौरतलब है कि दक्षिणी सोमालिया पर रूढिवादी
इस्लामी संगठनों का नियंत्रण है जो विगत सप्ताह तक राहत एजेन्सियों पर रोक लगाते रहे
थे।
मंगलवार को जारी वाटिकन की विज्ञप्ति के अनुसार सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें
"कोर ओनुम" परमधर्मपीठीय समिति के माध्यम से सोमालिया की राजधानी मोगादिशु स्थित अपने
प्रेरितिक प्रशासक को संकट में पड़े लोगों के लिये 70 हज़ार अमरीकी डॉलर भेज चुके हैं।
मोगादिशु में कार्यरत काथलिक धर्माध्यक्ष जॉर्ज बेरतीन प्रभावित लोगों तक प्रत्यक्ष रूप
से यह राहत पहुँचायेंगे।