2011-07-16 14:37:34

रिज़ाना को क्षमा करने की अपील


कोलोम्बो, 16 जुलाई, 2011 (कैथन्यूज़) श्रीलंका के धर्माध्यक्षीय परिषद की ओर से धर्माध्यक्ष रोबर्ट अन्द्रपदी ने साउदी अरब सरकार से अपील की है कि वह श्रीलंकाई घरेलु कामगार मुस्लिम महिला मुक्त कर दे।
ज्ञात हो कि एक मुस्लिम महिला रिज़ाना नफ़ीक को साउदी अरब उच्च न्यायालय ने अक्तूबर सन् 2010 में मौत की सज़ा सुनायी है।
न्यायालय ने रिज़ाना रफ़ीक पर अपने मालिक के 4 महीने के नवज़ात शिशु को मार डालने का आरोप है।
जब यह घटना घटी तब रिज़ाना 17 साल की नाबालिक महिला थी। ऱिजाना ने बताया कि ग़लती से बच्चे का गला घुट गया पर पुलिस की मार के भय से उसने बच्चे को मारने की बात स्वीकार कर ली थी।
कैथन्यूज़ के अनुसार मौत की सज़ा को साउदी दौदमी उच्च न्यायालय ने अनुमोदित दिया था पर बाद में वहाँ राजा ने इसे निरस्त कर दिया और कहा है कि वे इस रिपोर्ट की शीघ्र समीक्षा करेंगे।
धर्माध्यक्षीय परिषद के सेक्रेटरी जेनरल धर्माध्यक्ष रोबर्ट ने बच्ची के माता-पिता को अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हुए उनसे और अधिकारियों से दया की अपील करते हुए कहा है कि वे रिज़ाना को क्षमा दे दें और उसे अपने माता-पिता के घर वापस आने दें।
धर्माध्यक्ष रोबर्ट ने कहा कि " ईसाई विश्वास के अनुसार जीवन ईश्वर की ओर से दिया गया मूल्यवान दान है और इसे इसके प्राकृतिक सृष्टि से प्राकृतिक अंत तक बचाया जाना हमारा परम कर्त्तव्य है।"
उन्होंने कहा कि जब यह दुर्घटना घटी तब रिज़ाना नाबालिग थी। हाल में साउदी अरब में एक इंडोनेशियाई महिला को मृत्यु दंड देने के बाद रिज़ाना के भविष्य को लेकर लोग भयभीत हैं।
कोलोम्बो में साउदी अरब दूतावास के बाहर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय अधिकार संगठनों ने रिज़ाना की रिहाई के लिये कई प्रदर्शन हुए और एक धरने जारी हैं और माँग की जा रही है कि रिज़ाना को मुक्त कर दिया जाये।












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