ईरानः इस्लाम से ख्रीस्तीय धर्म का आलिंगन करनेवाले पादरी पर प्राणदण्ड का ख़तरा
ईरान, 13 जुलाई सन् 2011 (एशिया न्यूज़): ईरान की सर्वोच्च अदालत ने प्रॉटेस्टेण्ट पादरी
रे. युसफ नादरखानी को निचली अदालत द्वारा दी गई प्राणदण्ड की सज़ा के पुनरावलोकन का आह्वान
किया है। नादरखानी को स्वधर्मत्याग का दोषी करार दिया गया यद्यपि ईरानी कानून में स्वधर्मत्याग
अपराध नहीं है। रे. नादरखानी के वकील ने निचली अदालत के फ़ैसले पर सर्वोच्च अदालत से
अपील की थी।
ईरानी सूत्रों के अनुसार अपील के बावजूद रे. नादरखानी को दी गई सज़ा
रद्द नहीं की गई है बल्कि सर्वोच्च अदालत भी निचली अदालत के फ़ैसले से सहमत है क्योंकि
इस सज़ा का आधार आयोतोल्लाह खोमैनी, खामेनेई तथा माकारेम शिराज़ी के फ़तवे हैं।
आयोतोल्लाह
खोमैनी ईरान के पहले नेता थे, इन्हीं को सन् 1979 ई. की ईरानी क्रान्ति का पितामह कहा
जाता है, आयोतोल्लाह खामेनेई इस समय ईरान के परम नेता है तथा माकारेम शिराज़ी इस समय
ईरान के सबसे अधिक प्रभावशाली धार्मिक विद्धानों में से एक हैं।
ईरान की सर्वोच्च
अदालत यद्यपि उक्त फ़ैसले से सहमत है तथापि कुछेक प्रक्रियाई ग़लतियों के कारण उसने फ़ैसले
के पुनरावलोकन का आदेश दिया है।
सर्वोच्च अदालत ने इस बात को निश्चित करने का
आदेश दिया है कि युसफ़ नादरखानी ख्रीस्तीय धर्म अपनाने से पहले इस्लाम धर्मानुयायी थे
या नहीं। रे. नादरखानी ने मुकद्दमें के दौरान कहा था कि उन्होंने वास्तविक रूप में कभी
भी इस्लाम में अपना विश्वास व्यक्त नहीं किया और न ही इस्लाम धर्म का पालन किया था। उनका
कहना था कि उन्होंने केवल एक मुसलमान परिवार में जन्म लिया है और इस्लाम धर्म को उन्होंने
ख़ुद स्वीकार नहीं किया है।