कास्तेल गंदोल्फो, 11 जुलाई, 2011 (ज़ेनित) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें नेक है कि वे
उनके लिये प्रार्थना कर रहे हैं जो समुद्री डाकूओं के द्वारा बंदी बना लिये गये हैं।
विदित हो कि विगत रविवार10 जुलाई को कलीसिया ने ‘सी संडे’ अर्थात् ‘समुद्र रविवार’
के रूप में समर्पित करती है। ज्ञात हो कि ईसाई समुदाय के हज़ारों लोग समुद्र में
कार्य करते हैं और कलीसिया ने सन् 1920 से ही समुद्र में कार्यरत लोगों के लिये अपने
चैपलिन और स्वयंसेवकों की व्यवस्था करती रही है। संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने समुद्र्
में कार्यरत लोगों के लिये प्रार्थनाओं का आश्वासन उस समय दिया जब उन्होंने अपने ग्रीष्मकालीन
निवास कास्तेल गंदोल्फो में रविवारीय देवदूत प्रार्थना के बाद तीर्थयात्रियों को संबोधित
किया। उन्होंने कहा कि " वे उनके लिये प्रार्थना करना चाहते हैं जो मछुओं और नाविकों
तथा उनके परिवारों के बीच मेषापलीय कार्य करते हैं ।उनकी भी मैं विशेष याद करता हूँ जो
समुद्री लुटेरों के द्वारा बंदी बना लिये गये हैं।ऍऍ संत पापा ने कहा कि उनकी आशा
है कि बंदियों के साथ सम्मानपूर्वक वर्ताव किया जा रहा है और उनकी आशा है कि बंदियों
के परिजन अपने विश्वास में मजबूत हैं और एक दिन अपने प्रियजनों के साथ मिल सकें। देवदूत
प्रार्थना के बाद संत पापा ने उन 800 लोगों से मुलाक़ात की जिनके परिवार के सदस्यों को
समुद्री लुटेरों ने बंदी बना लिया है। विदित हो सन् 2010 ईस्वी में समुद्र में 455
आक्रमण हुए जिसमें अधिकतर सोमाली समुद्री तट पर हुए हैं । यह भी ज्ञात हो कि यद्यपि
यह समस्या सोमालियन क्षेत्र में हावी रहा है तथापि एक विश्व समस्या बन कर सामने आया है।