2011-07-11 13:56:14

तमिल और मुस्लिमों ने रिज़ाना नफ़ीक के रिहाई की माँग की


कोलोम्बो,11 जुलाई, 2011(एशियान्यूज़) साउदी अरब में मौत की सजा प्राप्त श्रीलंकाई घरेलु कामगार महिला रिज़ाना नफ़ीक की रिहाई के लिये श्रीलंका के सिहली और तमिल मुस्लिमों ने संयुक्त रूप से साउदी अरब दूतावास के बाहर प्रदर्शन किये।
एशियान्यूज़ के अनुसार मुस्लिम राइट्स ऑरगानाइज़ेशन (एमआरओ) और कई अन्य सिविल सोसायटी संगठनों ने मिलकर कोलोम्बो के लिपटन सरकस पर धरना दिया।
श्रीलंकाई घरेलु कामगार महिला रिज़ाना पर आरोप है उसने एक शिशु की हत्या की जब कि कार्यकर्त्ताओं का कहना है कि शिशु की मृत्यु एक दुर्घटना थी।
रिज़ाना के संबंध में चिंता उस समय बढ़ गयी जब साउदी अरेबिया में हत्या के आरोप में एक इंडोनेशियन महिला का सिर धड़ से अलग कर दिया।
एफएमओ के अध्यक्ष मुजीबो रहुमान ने साउदी अरब की सरकार से कहा है कि वह रिज़ना को एक दुर्घटना के लिये सजा नहीं दे सकती।
उनका तर्क है कि यदि बच् की देखभाल के लिये माता-पिता को घरेलु कामगार महिला के बदले एक प्रशिक्षित दाई को रखना चाहिये था।
उनका यह भी कहना है कि जब रिज़ान को काम पर लगाया गया था उस समय वह नाबालिक थी।
निमालका फरनन्दो नामक एक महिला कार्यकर्त्ता का कहना है कि यह कहने में मुझे कोई हिचक नहीं हैं कि इस मुद्दे में " ग़लती के लिये दोनों देशों की सरकारें ज़िम्मेदार हैं।
बच्चे के अभिभावकों में से एक ने रिज़ाना को माफ़ कर दिया है पर यह काफी नहीं है। इस संबंध में राजनीतिक लाभ से अलग हट कर निर्ण किये जाने की आवश्यकता है।
मालूम हो कि रिज़ाना नफ़ीक श्रीलंका के पूर्वी त्रिकोनमली जिले के मुतुर गाँव की एक मुस्लिम महिला है जो साउदी अरब की जेल में सन् 2005 से बंद है।
वह साउदी अरब नकली पासपोर्ट के ज़रिये जब वहाँ पहुँची तो उसकी आयु 17 साल की थी।
समाचार के अनुसार यदि उसकी सजा को साउदी अरब के राजा अनुमोदन करते हैं तो उसे कभी भी मौत की सजा मिल सकती है।












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