नये राष्ट्र के लिये संत पापा का प्रतिनिधिमंडल जूबा पहुँचा
रोम, 8 जुलाई, 2011(ज़ेनित) वाटिकन की ओर से संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने नये राष्ट्र
दक्षिण सूडान के लिये एक विशेष प्रतिनिधिमंडल जूबा भेजा है जो नये राष्ट्र को शांति और
प्रगति का संदेश देगा। उक्त बात की जानकारी देते हुए वाटिकन प्रवक्ता जेस्विट फादर
फेदेरिको लोमबारदी ने ज़ेनित समाचार को बताया कि शनिवार मध्यरात्रि में दक्षिण सूडान
का जन्म एक नये राष्ट्र के रूप में हो जायेगा जिसके अधिकतर निवासी काथलिक हैँ। उन्होंने
बताया कि नैरोबी के महाधर्माध्यक्ष और केन्या धर्माध्यक्षीय सभा के अध्यक्ष कार्डिनल
जोन नियुवे प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्षता करेंगे। प्रतिनिधिमंडल में सूडान के अपोस्तोलिक
नुनसिया धर्माध्यक्ष लेओ बोक्कारदी, केन्या के अपोस्तोलिक नुनसियो के सचिव मोनसिन्योर
हावियेर हेर्रारा कोरोना भी साथ में जायेंगे। वाटिकन प्रवक्ता ने वाटिकन अंतरराष्ट्रीय
मामलों के सचिव महाधर्माध्य दोमिनिके मेम्बारती के विचारों पर बल देते हुए कहा कि " शांति,
मेल-मिलाप और अंतरराष्ट्रीय अधिकारों, विशेष करके धार्मिक स्वतंत्रता जैसी बुनियादी स्तंभों
के द्वारा ही क्षेत्र के लिये नयी सामाजिक और आर्थिक संरचना का वातावरण बनाया जाये ताकि
देश के लिये सुनहले भविष्य की कल्पना की जा सकेगी।" विदित हो कि हाल में सूडान नैशनल
असेम्बली के सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल अहमद इब्राहिम एथाएर के नेतृत्व में महाधर्माध्यक्ष
मेम्बारती से मुलाक़ात की थी। फादर लोमबारदी ने बताया कि वाटिकन और सूडान के राजनयिक
संबंध सन् 1972 से रहा है और वाटिकन इस बात के लिये तैयार है कि वह दक्षिण सुडान की नयी
सरकार को हरसंभव सहायता करे। उन्होंने यह भी कहा कि " उन्हें आशा है कि नये राष्ट्र
के लोग हर तरह से शांति, स्वतंत्रता और विकास की नयी यात्रा का आनन्द उठा पायेंगे।" विदित
हो कि दक्षिण सूडान मध्यरात्रि को एक नया राष्ट्र बना और सूडान ने सबसे पहले इसकी मान्यता
दी। आने वाले दिनों में दोनों देशों की प्राथमिकता होगी तेल के वितरण और सीमा के
आरपार रहने वालों की समस्याओं को जल्द सुलझाया जाना। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार दक्षिणी
सूडान दुनिया का 193वां देश होगा जबकि अफ्रीका का 54 वां देश।