भारतीय काथलिक कलीसिया का मिशन येसु के पवित्र हृदय से संचारित
(मुम्बई 2 जुलाई एशिया न्यूज) काथलिक कलीसिया ने पहली जुलाई को येसु के पवित्रतम हृदय
का महोत्सव मनाया। मुम्बई के कार्डिनल ओसवाल्ड ग्रेशियस ने कहा कि भारत में काथलिक कलीसिया
का मिशन येसु के पवित्र हृदय से संचारित होता है। चर्च के मिशनरी कार्यों में शिक्षा,
चिकित्सा और जनकल्याण के कार्यों में ख्रीस्त का प्रेम और उनकी सहानुभूति प्रवाहित होती
है। इस महोत्सव के दिन हम येसु के महान प्रेम का स्मरण करते तथा अपने दिले तो ईश्वर के
प्रेम के लिए खोलते हैं और इस तरह न्याय शांति और सत्य के सुसमाचारी मूल्यों पर आधारित
जीवन को जीते हैं। हम सेवा और परोपकार के कार्यों द्वारा, सामाजिक न्याय और मानवाधिकारों
के लिए काम करते हुए तथा निर्धनों की सेवा करते हुए ईश्वर के प्रेम को अन्यों के साथ
बाँटते हैं। दशकों तक काथलिक कलीसिया शिक्षा के माध्यम से सुदूर क्षेत्रो, ग्रामीण क्षेत्रों
में रह रहे लोगों का सशक्तिकरण करती रही है तथा येसु के प्रेम को लोगों तक पहुँचाती रही
है। काथलिक चर्च 25000 शिक्षा संस्थानों का संचालन और प्रबंधन करती है। 15 हजार विद्यालय,
300 कोलेज, 115 नर्सिंग स्कूल, 5 हजार अस्पताल और चिकित्सा क्लिनिक, दो हजार पुर्नवास
केन्द्र , 15 हजार तकनीकि स्कूल, 6 मेडिकल कोलेज , दो विश्वविद्यालय सहित अन्य इंजीनियरिंग
काँलेजों, सामाजिक और जनकल्याण संस्थानों का भी प्रबंधन किया जाता है। कार्डिनल
ग्रेशियस ने कहा कि लोगों तक पहुँचनेवाले सब प्रोग्राम और सेवाएँ येसु के प्रेम का प्रवाह
हैं। भारत में लोगों में येसु के पवित्र हृदय के प्रति अगाध भक्ति देखी जाती है। पर्व
दिवस की तैयारी में नोविना तथा तीन दिन की विशेष प्रार्थना की जाती है। परिवारों में
येसु के पवित्र हृदय की विशेष आराधना और भक्ति की जाती है। उन्होंने कहा कि पुरोहितों,
धर्मसमाजियों और गुरूकुल छात्रों के लिए भी येसु के पवित्र हृदय की भक्ति और आराधना करना
बहुत महत्व का है ताकि वे येसु के पवित्र हृदय के समान प्रेम और सेवा के मनोभाव में लोगों
के मध्य अपने मिशन कार्यों को सम्पन्न करते रहें।