संयुक्त राष्ट्र संघीय खाद्य और कृषि संगठन के प्रतिभागियों के लिए संत पापा का संदेश
(वाटिकन सिटी 1 जुलाई सेदोक, वी आर वर्ल्ड) संयुक्त राष्ट्र संघीय खाद्य और कृषि संगठन
(एफएओ) जिसे संक्षेप में फाओ भी कहा जाता है इसकी 37 वीं सामान्य सभा के लगभग 400 प्रतिभागियों
ने शुक्रवार 1 जुलाई को वाटिकन स्थित क्लेंमेंतीन सभागार में संत पापा बेनेडिक्ट 16 वों
का साक्षात्कार कर उनका संदेश सुना। फाओ के मुख्य निदेशक रहे डा. जैक दियू तथा नवनिर्वाचित
महानिदेशक होसे ग्रजियानो दा सिल्वा उपस्थित थे। संत पापा ने नवनियुक्त महानिदेशक को
उनके भावी कामों के लिए शुभकामनाएं देते हुए फाओ संगठन के कार्यों को महत्वपूर्ण बताते
हुए वाटिकन के सहयोग को दुहराया। संत पापा ने कृषि का नवीनीकरण, निर्धनता, क्षुधा,
खाद्य सुरक्षा और बढ़ती कीमतों सहित अनेक मुददों पर अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने
कहा कि निर्धनता, अल्पविकास और भूख की समस्या बुहत बार स्वार्थी मनोवृत्ति का परिणाम
है जो मनुष्य के दिल से आता है और सामाजिक कृत्यों जैसे व्यापार और बाजार की स्थितियों
में दिखाई पड़ता है। उन्होंने कहा कि हम कैसे इस तथ्य को नज़रअंदाज कर सकते हैं कि भोजन
अनुमान का विषय बन गया है अथवा यह वित्त बाजार की प्रवृत्ति से जुड़ा है, स्पष्ट नियमों
और नैतिक सिद्धान्तों के बिना है तथा इसका एकमात्र लक्ष्य मुनाफा अर्जित करना है। संत
पापा ने बल दिया कि सहृदयता सभी नीतियों और रणनीतियों का अपरिहार्य पैमाना है विशेष रूप
से जब अस्थिरता और बढ़ती कीमतों से जुड़े भय की बात होती है। उन्होंने रेखांकित किया
कि विकास का माडल मानवीय सहित आर्थिक और तकनीकि पहलुओं का भी ध्यान रखे। संत पापा ने
उन असंख्य लोगों का भी स्मरण किया जो गरीबी, भूख या अन्य कारणों से जल्द मर जाने को अभिशप्त
हैं। उनकी आशा है कि युवा पीढी को साहस मिलेगा कि वे ग्रामीण परिवेश और कृषि कार्यों
को छोड़ने के प्रलोभनों का सामना कर सकें ताकि सम्पूर्ण समुदाय को सक्षम बना सकें जिनकी
जीविका भूख के कारण खतरे में पड़ जाती है। युवा जन और अधिक साहस और विश्वास के साथ भविष्य
की ओर देख सकें। संत पापा ने कृषि कार्य़ों को प्रभावित कर रही अनेक समस्याओं पर चिंतन
प्रस्तुत करते हुए भूख की त्रासदी को दूर करने के अनेक नये अवसरों पर भी विचार प्रकट
किया।