2011-06-30 16:26:00

सुसमाचार प्रसार के लिए ईसाई नेताओं के सुझाव


(वाटिकन सिटी सीएनएस) वाटिकन और अन्य ख्रीस्तीय समुदाय के प्रतिनिधियों ने बहुधार्मिक समाज में सुसमाचार प्रचार करने के लिए अनेक सुझाव या निर्देश जारी किया है जिसमें आक्रामक या प्रपंच के तौर तरीकों को खारिज़ किया गया है लेकिन किसी व्यक्ति द्वारा धर्म का पालन करने, इसका प्रचार करने या धर्म परिवर्तन करने के अधिकार की रक्षा की गयी है। इन सिद्धान्तों को 28 जून को तैयार की गयी निर्देशिका में शामिल किया गया है जिसका शीर्षक है " क्रिश्चियन विटनेस इन ए मल्टी रेलिजियस वर्ल्ड -रिकोमेंडेशन्स फोर कंडक्ट " इसे संयुक्त रूप से अंतर धार्मिक वार्ता संबंधी परमधर्मपीठीय समिति, वर्ल्ड कौंसिल औफ चर्चेज तथा वर्ल्ड इवांजेलिकल अलायन्स ने संयुक्त रूप से जारी किया है।
निर्देश में कहा गया है कि बहुधार्मिक समाज में ख्रीस्तीय साक्ष्य देने में शामिल है अन्य धर्मों या संस्कृतियों के लोगों के साथ संवाद करना। कहा गया है कि हर ईसाई का कर्तव्य है कि वह ख्रीस्त का साक्ष्य दे। धर्म परिवर्तन अंततः पवित्र आत्मा का काम है। यदि ईसाई सुसमाचार प्रचार के काम में किसी प्रकार की अनुपयुक्त पद्धतियों का उपयोग करते हैं तो वे सुसमाचार के साथ छल करते हैं और अन्यों के लिए पीड़ा उत्पन्न कर सकते हैं।
यह दस्तावेज पिछले 5 सालों में कलीसियाई एकतावर्द्धक तथा अंतर धार्मिक वार्तओं के दौरान 40 विशेषज्ञों द्वारा किये गये विचार विमर्श का परिणाम है। अंतर धार्मिक वार्ता संबंधी परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष कार्डिनल ज्यां लुई तोरांन ने कहा कि इन सिद्धान्तों को परिभाषित करना आसान नहीं था लेकिन अंतिम प्रारूप महत्वपूर्ण था और अब विश्व भर में ईसाई समुदायों द्वारा इसका अध्ययन किया जाना चाहिए।








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