2011-06-28 13:04:24

वाटिकन सिटीः सन्त प्रकरण परिषद द्वारा प्रस्तावित 15 प्रभु सेवकों में भारत के पुरोहित भी शामिल


वाटिकन सिटी, 28 जून सन् 2011 (सेदोक): वाटिकन के सन्त प्रकरण परिषद ने परिषद के अध्यक्ष कार्डिनल आन्जेलो अमातो के नेतृत्व में, सोमवार 27 जून को सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें के समक्ष 15 प्रभु सेवकों के सदगुणों की प्रस्तावना की जिनमें भारत के एक काथलिक पुरोहित भी शामिल हैं।

सन्त पापा ने इन 15 प्रभु सेवकों में चार प्रभु सेवकों द्वारा सम्पादित चमत्कारों, तीन प्रभु सेवकों की शहादत तथा आठ प्रभु सेवकों के वीरोचित गुणों को मान्यता प्रदान कर दी है।

इटली के पाँच तथा स्पेन के तीन प्रभुसेवकों के अतिरिक्त, फ्राँस, जर्मनी, मेक्सिको, पोलैण्ड, ऑस्ट्रिया, सूडान तथा भारत से एक एक प्रभु सेवकों के वीरोचित गुणों को सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें मान्यता प्रदान कर दी है।

भारत से केरल राज्य के प्रभु सेवक फादर मैथ्यू कालिकाटिल के वीरोचित गुणों को मान्यता प्राप्त हुई है। फादर मैथ्यू का जन्म केरल के एलापाडी में 25 अप्रैल सन् 1872 ई. को तथा निधन केरल के ही पालाय में 23 मई सन् 1935 ई. को हुआ था। अछूतों एवं दमन के शिकार लोगों के प्रति दया के कारण उन्होंने सन् 1911 ई. में येसु के परम पवित्र हृदय को समर्पित धर्मबहनों के धर्मसंघ की स्थापना की थी। सन् 1989 में पालाय धर्मप्रान्त ने उनके प्रकरण को परमधर्मपीठीय सन्त प्रकरण परिषद के समक्ष प्रस्तुत किया था। इसी वर्ष वे प्रभु सेवक घोषित किये गये थे।

उक्त 15 प्रभु सेवकों के अतिरिक्त सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने, सोमवार को ही, 13 स्पानी शहीदों की आज्ञप्ति को भी कलीसियाई मान्यता प्रदान की जो सन् 1936 के स्पेन के गृहयुद्ध में विश्वास के ख़ातिर मारे गये थे।








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