नई दिल्लीः सी.बी.सी.आय. ने घरेलू नौकरों के समझौते का किया स्वागत
नई दिल्ली, 22 जून सन् 2011 (सी.बी.सी.आय.): भारत में घरेलू कामगारों के आंदोलन का बीड़ा
उठानेवाले भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने घरेलू नौकरों को श्रम अधिकार प्रदान
करने हेतु अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) द्वारा सम्पन्न ऐतिहासिक समझौते का स्वागत
किया है।
भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के श्रम आयोग के कार्यकारी
सचिव फादर जोस वाट्टाकूज़ी ने कहा, "सी.बी.सी.आय के श्रम आयोग के 26 वर्षों के प्रयास
फलप्रद हुए हैं।" उन्होंने कहा कि उक्त समझौते को संघीय सरकार का अनुसमर्थन मिलने के
लिये भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन हर सम्भव प्रयास करेगा।
जिनिवा स्थित
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के मुख्यालय में 16 जून को उक्त समझौते पर मतदान किया
गया जिसके तहत सम्पूर्ण विश्व के घरेलू नौकर अन्य व्यावसायियों की तरह ही श्रम अधिकारों
का लाभ उठा सकेंगे। भारत ने भी समझौते के पक्ष में मतदान किया है।
भारत की प्रतिनिधि
सि. लिज़ी जोसफ ने कहा कि समझौता इस बात का आश्वासन देता है कि घरेलू नौकरों को भी सभ्य
काम और श्रम अधिकार मिलेंगे जैसे नियमित काम के घंटे, साप्ताहिक छुट्टी, वार्षिक छुट्टी,
मातृत्व अवकाश और सामाजिक सुरक्षा।
आईएलओ के आंकड़ों के मुताबिक, सम्पूर्ण
विश्व में पाँच करोड़ बीस लाख घरेलू नौकर हैं जिनमें, चीन को छोड़कर, एक करोड़ बीस लाख
एशिया में हैं। इनमें 90 लाख महिलाएँ हैं।
आईएलओ के महानिदेशक हुवान सोमाविया
ने पत्रकारों को बताया कि विकासशील देशों में, घरेलू नौकर, मजदूरी से रोज़गार कमाने वाले
श्रमिकों के चार से 12 प्रतिशत तक हैं। इनमें 83 फीसदी महिलाएँ या किशोरियाँ हैं।