ट्यूनिसः ट्यूनीशिया के निर्वासित राष्ट्रपति बेन अली अनुपस्थिति में सज़ायाफ्ता
ट्यूनिस, 21 जून सन् 2011 (एपी): ट्यूनीशिया की एक अदालत ने निर्वासित पूर्व राष्ट्रपति
ज़ैनल आबेदीन बेन अली और उनकी पत्नी को 35 साल कारावास की सज़ा सुनाई है किन्तु सऊदी
अरब बेन अली और उनकी पत्नी के प्रत्यर्पण के लिए तैयार होगा अथवा नहीं यह एक बहुत बड़ा
सवाल है।
पूर्व राष्ट्रपति बेन अली पर राजकोष से दो करोड़ सत्तर लाख अमरीकी डॉलर
के ग़बन और ज़ेवरात की चोरी का आरोप प्रमाणित हुआ है। बेन अली के निर्वासन के बाद उनके
एक महल से यह धन और भारी मात्रा में रत्न निधि पाई गई थी।
ट्यूनीशिया में भ्रष्टाचार,
बेरोज़गारी और मंहगाई के ख़िलाफ़ हुई जनक्रान्ति के बाद 23 साल तक सत्ता में बने रहे
राष्ट्रपति बेन अली को इस्तीफ़ा देना पड़ा था। 14 जनवरी को वे अपनी पत्नी के साथ देश
छोड़ कर फरार हो गये थे। इस समय वे सऊदी अरब में पनाह पा रहे हैं।
बेन अली
एवं उनकी पत्नी पर छह करोड़ 50 लाख डॉलर से अधिक का अर्थदण्ड भी लगाया गया है।
बेन
अली ने अपने आप को बेकुसूर बताया है और कहा है कि अदालत का फ़ैसला राजनीति से प्रेरित
है। बेन अली के वकील ने बी.बी.सी. से बातचीत में कहा कि इस समय ट्यूनीशिया की अंतरिम
सरकार पर देश में स्थायित्व लाने का दवाब है इसलिये इस तरह के फ़ैसले के जरिये वह आम
लोगों का ध्यान भटकाना चाहती है।
अपने वकील के जरिये बेन अली ने 23 साल के अपने
शासनकाल को लेकर कई तरह की दलीलें दीं हैं तथापि उनके विरुद्ध एक तानाशाह एवं भ्रष्ट
शासक होने के अतिरिक्त मानवाधिकारों के उल्लंघन, हत्या के संदेह, सत्ता के दुरुपयोग,
पुरातात्विक महत्व की चीज़ों की तस्करी और धोखाधड़ी जैसे कई मामले चल रहे हैं।