जिनिवाः शरण देने में ग़रीब देश आगे, संयुक्त राष्ट्र संघ
जिनिवा, 20 जून सन् 2011 (रायटर्स): विश्व शरणार्थी दिवस के उपलक्ष्य में एक वकतव्य जारी
कर शरणार्थी सम्बन्धी संयुक्त राष्ट्र संघीय उच्चायुक्त यू. एन. एच. सी. आर. के अध्यक्ष
अन्तोनियो गूत्तेरेस ने कहा कि शरण देने में ग़रीब देश आगे हैं। उन्होंने कहा कि पाँच
शरणार्थियों में से चार को ग़रीब देशों में शरण मिली है।
सम्पूर्ण विश्व में
प्रति वर्ष 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस मनाया जाता है। ये दिन उन लोगों को समर्पित
है जो युद्ध एवं उथल पुथल के कारण अपना देश एवं घर-बार छोड़ कर अस्थाई ठिकानों पर शरण
लेने को बाध्य हैं।
यू. एन. एच. सी. आर. संयुक्त राष्ट्रीय संस्था की हालिया
रिपोर्ट में कहा गया कि विगत 15 वर्षों में शरणार्थियों एवं विस्थापितों की संख्या में
बहुत अधिक वृद्धि देखी गई जो बढ़कर चार करोड़ 37 लाख हो गई है। इनमें 80 प्रतिशत विस्थापित
एवं शरणार्थियों ने ग़रीब देशों में शरण पा रखी है।
यू. एन. एच. सी. आर. के अध्यक्ष
अन्तोनियो गूत्तेरेस ने अपने वकतन्य में कहा, "धनी एवं औद्योगिक देश आमतौर पर शरणार्थियों
को एक समस्या रुप में देखते हैं और विस्थापन से होने वाली परेशानियों को बढ़ा चढ़ा कर
आंकते हैं। शरण देने को लेकर धनी देशों की जनता में उत्पन्न भय के कारण विश्व के अमीर
देश नहीं बल्कि ग़रीब देश शरणार्थियों का सबसे ज़्यादा बोझ उठा रहे हैं।"
यू.
एन. एच. सी. आर. की सन् 2010 की रिपोर्ट के अनुसार शरण प्रदान करने में पाकिस्तान का
नाम सबसे आगे है, जिसने 19 लाख शरणार्थियों को शरण दे रखी है। इनमें अरब देशों में आई
क्रान्तियों से विस्थापित लोग सम्मिलित नहीं हैं।
बीबीसी संवाददाता टॉम एस्सेलमॉंट
के मुताबिक इन शरणार्थियों में आधे से ज़्यादा अफ़ग़ानिस्तान और इराक़ के लोग हैं और
इसी कारण सबसे बड़ी संख्या में लोगों शरण देने वाले देशों में पाकिस्तान का नाम सबसे
ऊपर है।