2011-06-15 13:50:03

बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा द्वारा दिया गया संदेश


बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पेत्रुस बासिलिका के प्रांगण में देश विदेश से आये हजारों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया। उन्होंने अंग्रेजी भाषा में सम्बोधित करते हुए कहा-


अतिप्रिय भाईयो और बहनो,

ख्रीस्तीय प्रार्थना पर जारी धर्मशिक्षा माला में हम अब अपना ध्यान नबी एलियाह पर करते हैं जो मध्यस्थ प्रार्थना का एक आदर्श हैं। ऐसे समय में जब इस्राएल का साम्राज्य ने बाल देवता की आराधना का प्रसार होते देखा नबी एलियाह ने लोगों को आमंत्रित किया कि वे प्रभु के प्रति अपने समर्पण का नवीनीकरण करें तथा मूर्तिपूजा के हर प्रकार को खारिज़ कर दें।

करमेल पर्वत पर बाल देवता के पुजारियों के साथ होनेवाली प्रतिस्पर्द्धा के प्रसंग में वे इस्राएलियों का आह्वान करते हैं कि वह प्रभु को चुने तथा उनके मनपरिवर्तन के लिए प्रार्थना करते हैं। इससे अधिक, वे लोगों से आग्रह करते हैं कि वे स्वयं ईश्वर के निकट आयें और उनके साथ प्रार्थना में भागी हों। एलियाह की प्रार्थना के प्रत्युत्तर में ईश्वर स्वर्ग से भेजी गयी आग के द्वारा अपनी सत्यप्रतिज्ञता, दया और मुक्तिदायी शक्ति का प्रदर्शन करते हैं। वे लोगों को सक्षम बनाते हैं कि वे उनकी ओर लौटें तथा पूर्वजों के साथ की गयी संहिता की पुर्नपुष्टि करें।

जैसा कि हम एलियाह के उदाहरण को देखते हैं, हम मध्यस्थ प्रार्थना की शक्ति के प्रति और अधिक दृढ़मत हों ताकि सब लोगों की सहायता कर सकें कि वे एक सच्चे ईश्वर को जानें, हर प्रकार की मूर्तिपूजा से दूर रहें और क्रूस की लकड़ी तथा पवित्र आत्मा की अग्नि के द्वारा अर्पित कृपा को प्राप्त कर सकें।

इतना कहने के बाद संत पापा ने काथलिक पेंतेकोस्तल इंटरनेशनल डायलाग के सदस्यों को उनके काम के अगले चरण के लिए प्रार्थना का आश्वासन देते हुए शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने रोम में सम्पन्न हो रहे International Association of Schools and Institutes of Administration के 50 वें सम्मेलन के प्रतिभागियों को भी शुभकामनाएँ दीं तथा इंडोनेशिया से आये गायनमंडली को ईश्वर का प्रशंसागान करने के लिए धन्यवाद दिया। अंत में संत पापा ने कांग्रेगेशन औफ द रेसुरेक्शन की सामान्य महासभा के प्रतिभागियों का अभिवादन किया तथा सब अंग्रेजी भाषी तीर्थयात्रियों पर ईश्वरीय कृपा की कामना की।

संत पापा ने तीर्थयात्रियों को अन्य यूरोपीय भाषाओं में सम्बोधित करने के बाद आमदर्शन समारोह के अंत में सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।








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