दलित ईसाईयों को विशेष आरक्षण सुविधा दिये जाने की माँग का विरोध करनेवालों की आलोचना
(काथलिक न्यूज ) ईसाई अधिकारियों ने दलित ईसाईयों को विशेष आरक्षण सुविधा दिये जाने की
माँग का विरोध करनेवालों की आलोचना की है। भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की आदिवासी
और दलित समुदायों के लिए गठित समिति के सचिव फादर कोसमोन अरोकियाराज ने कहा कि इसमें
कुछ भी नया नहीं है क्योंकि साम्प्रदायिक ताकतें हमेशा दलित ईसाईयों को आरक्षण सुविधा
दिये जाने की माँग के खिलाफ रहे हैं। कर्नाटक के उडुपी जिले के डिप्युटी कमिश्नर
को दिये गये स्मार पत्र में भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से माँग
की है कि दलित ईसाईयों और दलित मुसलमानों को आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाये तथा इन समुदायों
के पक्ष में एक सरकारी आयोग की रिपोर्ट को खारिज कर दिया जाये। भाजपा का कहना है कि ईसाईयों
और मुसलमानों को आरक्षण का लाभ दिये जाने से बौद्ध, हिन्दु और सिक्ख धर्म माननेवाले दलित
प्रभावित होंगे जो इस समय आरक्षण का लाभ पा रहे हैं। फादर अरोकियाराज ने कहा कि कलीसिया
दलित ईसाईयों को सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए छह दशकों से चल रहे संघर्ष को जारी रखेगी।
कुछ अध्ययन के अनुसार भारतीय काथलिकों का 70 प्रतिशत दलित हैं। भारतीय संविधान के अनुसार
दलित मूल के हिन्दुओं, बौद्धों और सिक्खों को विधान सभा सीटों, सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक
संस्थानों में आरक्षण का विशेष लाभ मिलता है तथापि ईसाईयों और मुसलमानों को उनके धर्म
की आड़ में इन अधिकारों से यह कहते हुए कि वंचित किया जाता है कि ये धर्म जाति प्रथा
को नहीं स्वीकार करते हैं। ईसाईयों का तर्क है कि यह स्थिति संविधान का हनन करती है जो
देश के सब नागरिकों को समान अधिकार प्रदान करती है।