लन्दनः खाद्य पदार्थों में मूल्यवृद्धि संकट का कारण, ऑक्सफैम
लन्दन, 1 जून सन् 2011 (ऊका समाचार): भारत के लोग अपनी आय के अनुपात में ब्रिटेन के लोगों
से दो गुना अधिक भोजन पर खर्च करते हैं। ब्रिटेन स्थित अन्तरराष्ट्रीय विकास एजेंसी ऑक्सफैम
ने मंगलवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह बात कही।
रिपोर्ट में कहा गया कि फिलीपींस
के लोग चार गुना अधिक खर्च करते हैं।
इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराकर कि विगत
20 वर्षों में खाद्य पदार्थों की क़ीमतें 120 से 180 प्रतिशत तक बढ़ी हैं एजेंसी ने
चेतावनी दी कि यदि ठोस सुधार नहीं किये गये तो स्थिति और ख़राब हो सकती है।
"ग्रोईंग
के बेटर फ्यूचर" शीर्षक से प्रकाशित उक्त रिपोर्ट में यह स्वीकार किया गया कि वृद्धि
का आधा कारण जलवायु परिवर्तन है। तथापि, ब्रिटेन स्थित उक्त एजेंसी की रिपोर्ट विश्व
के नेताओं का आह्वान करती है कि वे वस्तुओं के बाजार में पारदर्शिता बढ़ायें, बाजार के
उपयुक्त नियम बनायें, खाद्य भंडार में वृद्धि करें, जैव ईंधन को प्रोत्साहन देना बन्द
करें तथा छोटे कृषकों एवं छोटी खेती में निवेश करें, विशेष रूप से, महिला किसानों की
मदद करें।
रिपोर्ट में, एक वैश्विक जलवायु कोष को आरम्भ किये जाने हेतु भी
अन्तरराष्ट्रीय समुदाय का आह्वान किया गया ताकि "लोग खुद को जलवायु परिवर्तन के प्रभाव
से बचाने में सक्षम बनें तथा अपनी भोजन आवश्यकता की पूर्ति के लिये उन्हें खाद्य उत्पादन
के बेहतर उपकरण उपलब्ध हो सकें।"
ऑक्सफैम की प्रमुख कार्यकारी अधिकारी बारबरा
मोजा ने कहा, "हम संकट के एक युग की ओर अन्धाधुन्ध बढ़ते जा रहे हैं।" उन्होंने कहा कि
विश्व प्रत्येक व्यक्ति को खिलाने में समर्थ है किन्तु इसके बावजूद इस ग्रह पर सात में
से एक व्यक्ति प्रतिदिन भूखे पेट रहता है।