श्री लंकाः क़ैदियों के पुनर्वास हेतु कारावासों में धर्मशिक्षा का प्रस्ताव
श्री लंका, 31 मई सन् 2011 (एशिया न्यूज़): श्री लंका की सरकार ने क़ैदियों के पुनर्वास
हेतु कारावासों में धर्मशिक्षा का प्रस्ताव किया है।
श्री लंका का पुनर्वास एवं
कारावास सुधार मंत्रालय क़ैदियों के प्रशिक्षण एवं उन्हें बाहर की दुनिया के लिये तैयार
करने हेतु कारावासों में सभी धर्मों की शिक्षा प्रदान किये जाने की योजना बना रहा है।
आधिकारिक रूप से सरकार की इस योजना का अनावरण 13 मई को किया गया था। इसके तहत देश के
33 कारावासों में क़ैदियों को बौद्ध, इस्लाम, ख्रीस्तीय एंव हिन्दु धर्मों की शिक्षा
प्रदान की जायेगी।
देश के धार्मिक नेताओं ने सरकार की इस पहल का स्वागत किया
है तथापि चेतावनी दी है कि धर्मशिक्षा प्रदान करने के लिये उपयुक्त एवं ज़िम्मेदार शिक्षकों
का होना नितान्त आवश्यक है।
बौद्ध नेता वेन धाम्मिसारा थेरो ने कहा कि धर्मशिक्षकों
को उचित प्रशिक्षण दिया जाना अनिवार्य है ताकि वे पुनर्वास हेतु क़ैदियों की मदद कर सकें।
उन्होंने कहा कि इसमें अधिकारियों की ज़िम्मेदारी अहं है।
काथलिक पुरोहित फादर
नोएल डायस ने कहा कि उक्त पहल क़ैदियों की वास्तविक ज़रूरत को पूरा करेगी। समाज को ईमानदार
लोगों की आवश्यकता है और यह अधिकारियों पर निर्भर है कि किस प्रकार वे उन्हें तैयार करते
हैं।
हिन्दु नेता रामचन्द्र कुरुक्कल ने कहा कि कारावास में हर तरह के लोग हैं
तथा उनके अपराधों के बावजूद उनकी मदद करना हमारा दायित्व है।