संत पापा ने इटली के धर्माध्यक्षों से निष्ठावान नागरिकता का प्रसार करने का आग्रह
(रोम 26 मई सीएनए) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने गुरूवार 26 मई की संध्या रोम स्थित
संत मरिया मजोरे बासिलिका में रोजरी माला प्रार्थना का नेतृत्व किया। उन्होंने इटली की
स्थापना और एकीकरण की 150 वीं वर्षगाँठ के अवसर पर इटली के धर्माध्यक्षों को सम्बोधित
करते हुए कहा कि लोकधर्मी काथलिकों को व्यक्तिगत रूप से सार्वजनिक जीवन में भाग लेना
चाहिए तथा देश के प्रति ईमानदार और निष्ठापूर्ण सहयोग की मनोभावना का विकास करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में सहभागी होने के लिए लोकधर्मी विश्वासियों को किसी
भी प्रकार की संकीर्ण मानसिकता, बाधाओं और उदासीनता पर विजय प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहन
देने में धर्माध्यक्षों को नहीं हिचकना चाहिए। उन्होंने धर्माध्यक्षों से लोकधर्मियों
के प्रशिक्षण के लिए मदद करने का आग्रह किया ताकि वे सार्वजनिक स्थलों में असरकारी रूप
से योगदान देने में समर्थ हों, काथलिक कलीसिया की सामाजिक शिक्षाओं से प्रेरणा पाकर प्रशिक्षण
की पहलों को प्रोत्साहन दें ताकि जिनपर प्रशासनिक या राजनैतिक जिम्मेदारियाँ हैं वे निजी
लाभ और सत्ता की प्यास बुझाने के लिए अपने पद और प्रतिष्ठा का दुरूपयोग करने के प्रलोभन
में नहीं पडें। संत पापा ने संत मरिया मजोरे बासिलिका में रोजरी माला प्रार्थना का
नेतृत्व कर इटली के सब नागरिकों पर माता मरिया की ममतामयी संरक्षण की कामना की। उन्होंने
अपने सम्बोधन में कलीसिया और राज्य के मध्य संबंध की सीमा की भी व्याख्या की । उन्होंने
कहा कि कलीसिया किसी प्रकार की विशेष सुविधा नहीं चाहती और न ही राजनैतिक संस्थानों की
जिम्मेदारी का विकल्प लाने का इरादा रखती है लेकिन यह धर्मनिरपेक्ष देश की वैधानिक भूमिका
के प्रति सम्मान रखती है। वह इसके साथ ही राजनैतिक समुदाय को पारलौकिक नैतिक मूल्यों
पर आधारित बुनियादी मानवाधिकारों के बारे में सिखा सकती है जो किसी भी राज्य की प्रशासनिक
सीमा से आगे जाते हैं तथा मानव प्राणी की प्रकृति में अंतर्निहित हैं। इस तरह से कलीसिया
जनहित की रचना करने में अपना योगदान देना जारी ऱखती है, जीवन की हर अवस्था में इसका प्रसार
और रक्षा करने तथा परिवार को असरकारी रूप से समर्थन देने का हमें स्मरण कराती है जहाँ
वस्तुतः व्यक्ति स्वतंत्र और जिम्मेदार व्यक्ति बनने के लिए बढ़ता है।