मेजर आर्चविशप चुने गये मान्यवर जोर्ज आलेंचेरी के निर्वाचन को संत पापा की स्वीकृति
सीरो मलाबार रीति की कलीसिया के धर्माध्यक्षों की धर्मसभा द्वारा 24 मई को मेजर आर्चविशप
चुने गये मान्यवर जोर्ज आलेंचेरी के निर्वाचन को संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने 25 मई
को अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी। पूर्वी रीति की सीरो मलाबार कलीसिया के महाधर्माध्यक्ष
के चुनाव के लिए धर्माध्यक्षों की धर्मसभा ने केरल के काक्कानाड स्थित माऊंच सेंट थोमस
में सम्पन्न धर्मसभा के दौरान थक्कालाई के धर्माध्यक्ष जोर्ज आलेंचेरी को एर्नाकुलम अंगामल्ली
का महाधर्माध्यक्ष तथा सीरो मलाबार कलीसिया का मेजर आर्चविशप चुना। मान्यवर अलेंचेरी
का जन्म चंगनाचेरी के तुरुथी में 19 अप्रैल 1945 को हुआ। वे 19 नवम्बर 1972 को पुरोहित
अभिषिक्त किये गये और चंगनाचेरी के महाधर्माध्यक्ष के सचिव, कैथीड्रल के सहायक पल्ली
पुरोहित तथा महाधर्मप्रांत में संडे स्कूलों के निदेशक नियुक्त किये गये। उन्होंने आल्वे
स्थित संत जोसेफ परमर्धमपीठीय सेमिनरी से कलीसियाई अध्ययन किया तथा धर्मशिक्षा में विशेषज्ञता
के लिए अध्ययन करते हुए फ्रांस के पेरिस स्थित Institut Catholique de Paris”, से डाक्टरेट
की उपाधि प्राप्त की। पेरिस से लौटने पर वे चंगनाचेरी महाधर्मप्रांत के धर्मशिक्षा केन्द्र
के निदेशक बनाये गये। इसके बाद उन्होंने केरल धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के कोचिन स्थित पास्टोरल
ओरियेनटेशन सेन्टर का निर्देशन किया। उन्होंने कोट्टायम के वडावातथूर स्थित “Paurastya
Vidyapitham, Pontifical Oriental Institute of Religious Studies” तथा आल्वे स्थित परमधर्मपीठीय
ईशशास्त्र और दर्शनशास्त्र इंस्टीच्यूट में उन्होंने पास्टोरल काउंसिलिंग तथा सिस्टेमाटिक
थयोलोजी में अध्यापन किया तथा चंगनाचेरी के विकर जेनरल बनाये गये। उन्हें 2 फरवरी 1997
को थक्कालाई का पहला धर्माध्यक्ष बनाया गया। मान्यवर जोर्ज आलेंचेरी 24 मई 2011 को सीरो
मलाबार कलीसिया के मेजर आर्चविशप चुने गये। संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने पूर्वी रीति
की कलीसियाओं संबंधी कलीसियाई विधान की धारा 153 के अनुसार उनके निर्वाचन को 25 मई को
अपनी सहमति प्रदान की जिसकी प्रकाशना रोम और कोचि में 26 मई को की गयी।