2011-05-23 15:47:23

स्वर्ग की रानी आनन्द मना प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व संत पापा द्वारा दिया गया संदेश


श्रोताओ संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने रविवार 22 मई को संत पेत्रुस बासिलिका के प्रांगण में देश विदेश से आये हजारों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को स्वर्ग की रानी आनन्द मना प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व इताली भाषा में सम्बोधित करते हुए कहाः

अतिप्रिय भाईयो और बहनो,

पास्का के पाँचवे रविवार में आज का सुसमाचार विश्वास पर हमें दो पक्षीय विधान का प्रस्ताव करता है– ईश्वर पर विश्वास करना और येसु पर विश्वास करना। वास्तव में, प्रभु अपने शिष्यों से कहते हैं- ईश्वर पर विश्वास करो और मुझमें भी विश्वास करो। ये दो अलग लग काम नहीं हैं लेकिन विश्वास का एक ही काम है- पिता ईश्वर द्वरार अपने एकलौते पुत्र के द्वारा लायी गयी मुक्ति के प्रति पूर्ण संयुक्तता।

नया विधान पिता की अदृश्यता पर विराम लगाता है। ईश्वर ने अपना चेहरा दिखाया है, जैसा कि प्रेरित फिलिप को येसु द्वारा दिया गया जवाब पुष्टि करता है- जिसने मुझे देखा है उसने पिता को देखा है। ईश पुत्र ने देहधारण, मृत्यु और पुनरूत्थान के द्वारा हमें पाप की दासता से मुक्त किया, ईश्वर की संतान होने की स्वतंत्रता दिया तथा ईश्वर का मुखमंडल हमें दिखाया है जो प्रेम है- ईश्वर को देखा जा सकता है, वह येसु में दृश्यमान हैं।

अविला की संत तेरेसा ने लिखा- हमें स्वयं को उनसे दूर नहीं करना चाहिए जो हमारे कल्याण और हमारे इलाज की रचना करता है अर्थात हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त की पवित्र मानवता। इसलिए, केवल ख्रीस्त में विश्वास करके उनसे संयुक्त रह कर, शिष्य जिसमें हम भी शामिल हैं इतिहास में उनके स्थायी काम की रचना कर सकते हैं। मैं तुमसे कहे देता हूँ- जो मुझमें विश्वास करता है वह उन कार्यों को करेगा जिन्हें मैं करता हूँ।


येसु में विश्वास का अर्थ है प्रतिदिन उनका अनुसरण करना, सरल साधारण कामों जो हमारे दैनिक जीवन को बनाते हैं। यह ईश्वर के रहस्य का भाग है कि वे विनम्रतापूर्वक काम करते हैं ताकि केवल वे ही मानवता के महान इतिहास के अंदर क्रमशः अपने इतिहास की रचना करते हैं। कि वे मानव बनते हैं ताकि उनके समसामयिक लोगों और इतिहास के अंदर निर्णायक ताकतों को नजरअंदाज किया जा सकता है, कि वे दुःख भोगें और मरें तथा पुनः जी उठने के बाद, वे मानवजाति के पास आने को चुनते हैं शिष्यों के विश्वास के द्वारा जिन्हें वे स्वयं को प्रकट करते हैं कि वे हमारे दिल के दरवाजे पर धीरे से खटखटाते हैं और हमारी आँखो को धीरे से खोलते हैं यदि हम अपने दरवाजे को उनके लिए खोलें।

संत अगुस्टीन कहते हैं- यह येसु के लिए कहना जरूरी था- मैं ही मार्ग सत्य और जीवन हूँ क्योंकि जब एक बार रास्ता ज्ञात है तो लक्ष्य को जानना बाकी है और लक्ष्य पिता हैं। ईसाईयों के लिए, हम में से प्रत्येक जन के लिए, पिता के पास जाने का रास्ता है कि हम स्वयं को येसु से, उनके सत्य वचन से मार्गनिर्देशित होने दें और उनके जीवन का उपहार ग्रहण करें। संत वोना वेंतुरा के निमंत्रण को हम अपना बनायें- इसलिए अपनी आँखों को खोलो, अपने आध्यात्मिक कान से सुनो, अपने होठों को खोलो और अपने दिल को अर्पित करो ताकि तुम सब सम्पूर्ण सृष्टि में देख सको, सुन सको, प्रशंसा कर सको, प्रेम तथा महिमागान और सम्मान कर सको।

प्रिय मित्रो, कलीसिया का मुख्य काम है- येसु ख्रीस्त जो मार्ग, सत्य और जीवन हैं उनकी उदघोषणा करने का समर्पण। हम कुँवारी माता मरियम का आह्वान करें कि वे पुरोहितों और विभिन्न प्रेरिताई काम में संलग्न सबलोगों की हमेशा सहायता करें जिससे वे मुक्ति के आनन्दपूर्ण संदेश की उदघोषणा करें, ईश्वर का वचन फैले तथा उनके शिष्यों की संख्या बढ़े।

इतना कहने के बाद संत पापा ने स्वर्ग की रानी आनन्द मना प्रार्थना का पाठ किया और सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।








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