2011-05-23 12:06:37

रोमः उड़ीसा में अत्याचार के बावजूद विश्वास मज़बूत, महाधर्माध्यक्ष बरवा


रोम, 23 मई सन् 2011 (कैथन्यूज़): कटक भूबनेश्वर के काथलिक महाधर्माध्यक्ष जॉन बरवा ने कहा है कि उड़ीसा में उत्पीड़न और अत्याचार के बावजूद लोगों का विश्वास मज़बूत हो रहा है।

महाधर्माध्यक्ष जॉन बरवा इस समय सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें के साथ पंचवर्षीय पारम्परिक मुलाकात "आद लिमिना" के लिये रोम में हैं।

कैथन्यूज़ से एक भेंटवार्ता में उन्होंने कहा, "विश्वासियों की संख्या नित्य बढ़ रही है। हम भयभीत नहीं हैं, हम सत्य बोलने के लिये और व्यक्ति की प्रतिष्ठा एवं उसकी धार्मिक स्वतंत्रता की सुरक्षा हेतु सदैव तत्पर रहेंगे।"

महाधर्माध्यक्ष बरवा ने उड़ीसा में, सन् 2008 के बाद हुई हिंसा पर क्षोभ व्यक्त किया और कहा कि ख्रीस्तीयों को केवल हिन्दु चरमपंथियों द्वारा ही नहीं अपितु सरकारी अधिकारियों द्वारा भी उत्पीड़ित किया जाता है। उन्होंने कहा कि ख्रीस्तीयों को द्वितीय श्रेणी के नागरिक माना जाता है जो न्याय पाने के लिये निरन्तर संघर्ष किया करते हैं। इसके अतिरिक्त, पुलिस उन्हें सुरक्षा नहीं प्रदान करती जिसके कारण ख्रीस्तीय नागरिक अपने आप को तिरस्कृत एवं परित्यक्त पाते हैं।

महाधर्माध्यक्ष बरवा ने इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराया कि सन् 2008 में हिंसा के कारण अपने घरों का परित्याग करनेवाले ख्रीस्तीय धर्मानुयायी वापस अपने घरों को लौटने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि यह एक विच्छिन्न प्रकार का दमन है जिसे हिन्दु चरमपंथी खुलेआम अन्जाम दे रहे हैं।

महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि उड़ीसा वह कसौटी है जिसपर भारत में व्याप्त सम्मान एवं न्याय की परख की जा सकती है। उन्होंने कहा कि सामान्य नागरिकों, नागर अधिकारियों, पुलिस कर्मियों हिन्दु एवं ख्रीस्तीय नेताओं के बीच वार्ताओं को प्रोत्साहित कर शुभचिन्तकों को एकता के सूत्र में बाँधा जा सकता तथा साम्प्रदायिकता, चरमपंथ एवं हिंसा को समाप्त किया जा सकता है।









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