कंधमाल जिले में ईसाईयों के विरूद्ध हुई हिंसा और आगजनी के एक मामले में 13 लोगों को
5 वर्ष का सश्रम कारावास
(उड़ीसा भुवनेश्वर उकान) उडीसा के कंधमाल जिले में सन 2008 में ईसाईयों के विरूद्ध
हुई हिंसा और आगजनी के एक मामले में फास्ट ट्रैक अदालत ने 13 लोगों को 5 वर्ष के सश्रम
कारावास तथा दो-दो हजार रूपये जुर्माना अदा करने की सज़ा सुनाई। जुर्माने की राशि अदा
नहीं कर पाने की स्थिति में अभियुक्तों को अलग से तीन माह जेल में बिताना होगा।
अभियोजन
पक्ष के वकील राजकिशोर प्रधान के अनुसार आरोपियों ने ईसाईयों के घरों में आग लगा दी थी
जिससे उन्हें सुरक्षा पाने के लिए जंगल में आश्रय लेना पडा। यद्यपि पीड़ितों को मुआवजा
नहीं मिला है तथापि दोषियों को सज़ा मिलने से उन्हें न्याय और सुरक्षा का कुछ अहसास मिलेगा।
कंधमाल के श्रीपाला में हुए एक अन्य मामले में जज बिरंची नारायण मिश्रा ने 12
संदिग्ध लोगों को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया। इन आरोपियों को आरोप मुक्त
किये जाने पर पीड़ितों के लिए काम कर रहे एक कलीसियाई अधिकारी वकील पुरोहित फादर दिवाकर
पारीक्षा ने निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि 3232 आपराधिक मामले दर्ज किये गये जिसमें
1541 मामलों को स्वीकार किया गया तथा 327 मामले ट्रायल की स्थिति तक पहुँचे जिसमें 169
मामलों में आरोपियों को मुक्त कर दिया गया। हत्या जैसे अपराधों में 20 मामलों में केवल
एक मामले में अभियुक्त को सज़ा मिली है।
ज्ञात हो कि उड़ीसा के कंधमाल जिले में
सन 2008 में ईसाई विरोधी हिंसा हुई थी जिसमें लगभग 450 गाँवों में 100 से अधिक लोगों
की हत्या हो गयी तथा करीब 6500 घर और 300 गिरजाघरों में आगजनी की गयी थी।