रोमः एशियाई देशों के समक्ष आर्थिक पारगमन की चुनौती
रोम, 18 मई सन् 2011 (एशिया न्यूज़): एशियाई देशों के समक्ष आज चुनौती आर्थिक पारगमन
की है। प्राथमिक रूप से परिवार पर आधारित अर्थव्यवस्था अब मुक्त बाज़ार की ओर बढ़ रही
है जिसका सामना लगभग आज एशिया के सभी देश कर रहे हैं।
रोम स्थित ग्रेगोरियन परमधर्मपीठीय
विश्वविद्यालय में, बुधवार, 18 मई को, एक्शन इन्सटीट्यूट द्वारा एक अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन
का आयोजन किया गया जिसमें उक्त मुद्दे पर गहन विचार विमर्श किया जा रहा है।
"परिवार
पर आधारित व्यवसाय, मार्केट अर्थव्यवस्था तथा निर्धनता" शार्षक के अन्तर्गत आयोजित उक्त
अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन के विषय में एक वकतव्य जारी कर एक्शन इन्सटीट्यूट के निर्देशक
किशोर जयबालन ने कहा, "हाल के दशकों में एशिया की अनेक अर्थव्यवस्थाएँ तेज़ी से समृद्ध
हुई है तथा लाखों को निर्धनता से मुक्त करने में समर्थ सिद्ध हुई है। इस रूपान्तरण का
खास कारण मुक्त बाज़ार नीति रहा है। तथापि, इन देशों का राजनैतिक स्थायित्व और साथ ही
धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयाम एशियाई देशों की खुशहाली के समक्ष प्रस्तुत चुनौतियाँ हैं।"
वकतव्य
में आगे कहा गया कि मानव के अखण्ड विकास के लिये किस प्रकार के सुधारों को लागू किया
जाये? ऐसी कौनसी प्रक्रियाएँ कार्यान्वित की जायें जो जीवन के स्तर को केवल भौतिक रूप
से ही बेहतर न बनायें? अन्य देश एशिया से क्या सीख सकते हैं? आदि आदि प्रश्नों पर उक्त
सम्मेलन में विशद चिन्तन किया जा रहा है।
एक्शन इन्सटीट्यूट के निर्देशक जयबालन
ने आशा व्यक्त की कि काथलिक कलीसिया और साथ ही कृषि एवं विकास को समर्पित अनेक अन्तरराष्ट्रीय
संगठनों की पीठ, रोम शहर की अन्तरराष्ट्रीय प्रकृति एशिया पर आयोजित विचार विमर्श को
समृद्ध बनायेगी।
इस सम्मेलन में नीति निर्माता, अकादमी विशेषज्ञ, पत्रकार तथा
उद्योग जगत से संलग्न विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं।