2011-05-17 12:05:57

वाटिकन सिटीः दासता को परास्त करने के लिये सन्त पापा ने किया सुसमाचार उदघोषणा का आह्वान


वाटिकन सिटी, 17 मई सन् 2011 (सेदोक): वाटिकन में शनिवार को परमधर्मपीठीय मिशन समाजों की उच्च समिति के सदस्यों को सम्बोधित करते हुए सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने इस तथ्य की ओर ध्यान आकर्षित कराया कि आज के विश्व में नये प्रकार की गुलामी देखने को मिल रही है जिसे परास्त करने के लिये सुसमाचार उदघोषणा की आवश्यकता है।

सन्त पापा ने कहा, "हमारे युग में नई समस्याएं एवं नये प्रकार की दासताएँ उभर रही हैं, समृद्ध देशों में भी जो भविष्य के प्रति अनिश्चित्त है तथा साथ ही लाभ पर आधारित भूमण्डलीकरण के परिणाम स्वरूप विकासशील देशों में भी जहाँ निर्धनों, आप्रवासियों एवं दमन के शिकार लोगों की संख्या नित्य बढ़ती जा रहीं है।"

इस परिप्रेक्ष्य में सन्त पापा ने कहा, "कलीसिया को, ख्रीस्त के प्रचार हेतु, अनवरत अपने समर्पण को नवीकृत करते रहना चाहिये ताकि उनका मसीही मिशन आगे बढ़ता रहे तथा विश्व में न्याय, शांति, स्वतंत्रता एवं प्रेम की स्थापना हो सके।"

उन्होंने कहा कि कलीसिया को चाहिये कि वह " ईश्वरीय योजना के अनुकूल सुसमाचार में निहित नवीकरण की शक्ति से विश्व को रूपान्तरित करे ताकि ईश्वर का राज्य सर्वत्र छा जाये।"

सन्त पापा ने कहा कि कलीसिया के सभी सदस्यों का कार्य ख्रीस्त द्वारा सिखाये गये प्रेम एवं शांति के मूल्यों का प्रचार होना चाहिये। तथापि, उन्होंने कहा कि इसके लिये यह ज़रूरी है कि सुसमाचारी मूल्यों का प्रचार करनेवाले ख़ुद यह विश्वास करें कि ईश वचन ही वह उद्धारकारी सत्य है जिसकी प्रत्येक मनुष्य को प्रत्येक पल आवश्यकता रहा करती है।

सुसमाचार प्रचारकों की परिभाषा करते हुए सन्त पापा ने कहा कि ईश्वर के सन्देशवाहकों को ईश वचन के अधीन होना चाहिये तथा संस्कारों द्वारा स्वतः को आध्यात्मिक रूप से पोषित करते रहना चाहिये।








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