2011-05-16 16:01:00

‘प्रार्थना’ विषय पर संत पापा की धर्मशिक्षा से लोग प्रभावित


वाटिकन सिटी, 16 मई, 2011(ज़ेनित) ईसाई प्रायः प्रार्थना करने के विभिन्न तरीकों की खोज करते हैं पर ईश्वर के सम्मुख जाकर और उसकी उपस्थिति का अनुभव करने में कठिनाई महसूस करते हैं।

उक्त बात वाटिकन प्रवक्ता जेस्विट फादर लोम्बार्दी ने उस समय कहीं जब उन्होंने वाटिवक टेलेविज़न के साप्ताहिक कार्यक्रम " ऑक्तावा दियेस " में संत पापा की बुधवारीय आमदर्शन समारोह में प्रस्तुत प्रार्थना विषय पर धर्मशिक्षामाला की नयी श्रृंखला के बारे में अपने विचार दिये।

फादर लोम्बार्दी ने बताया कि प्रार्थना विषय पर संत पापा की धर्मशिक्षा ने आम लोगों का ध्यान खींचा है। उन्होंने कहा कि " सांसारिकता और धर्मनिरपेक्षता या सापेक्षवाद के जिस संदर्भ में आज जीते हैं वह हमें मनन-चिन्तन से दूर ले जाता है और प्रार्थना से भी अलग कर देता है।"

वाटिकन प्रवक्ता ने कहा कि कई बार हमें अपने बात-चीत में प्रार्थना के तरीके और प्रार्थना के बारे में बात करते हैं हम प्रार्थना करने विभिन्न तरीको का अध्ययन करते हैं पर सचमुच भगवान के सामने जाकर अपने ह्रदय और जीवन को चढ़ा नहीं पाते हैं। "

फादर लोमबारदी ने कहा कि संत पापा प्रार्थना पर जो श्रृंखला शुरू की है इसे हमें दो भागों में बाँट सकते हैः रहस्य और इच्छा।

एक ओर हम इस बात को समझने का प्रयास कर सकते हैं कि " ईश्वर अलग और रहस्यपूर्ण है और दूसरी ओर हम उन्हें पहचानने का प्रयास करते हैं हमारे दिल में उन्हें जानने की लालसा है हम उनकी ज्योति और सत्यता को जानने का प्रयास करते हैं और इसीलिये हमे उस संपूर्ण सत्य को पाने का प्रयास सदा करते रहते हैं।

" अगर हमारा दिल में रहस्य और इच्छा हैं तो हम ईसाई प्रार्थना का बीच अवश्य ही फलप्रद होगा।"
















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