मुम्बई, 16 मई, 2011(एशियान्यूज़) आन्ध्रप्रदेश राज्य के कुरनूल जिले के शंकरामुत में
प्रकाश चारी नामक व्यक्ति ने अपनी गर्भवती पत्नी की इसलिये हत्या कर दी क्योंकि उसने
गर्भपात कराने से इंकार कर दिया।
विदित हो कि परिवार में प्रथम दो संतान बेटियाँ
है और जब तीसरी भी बेटी होने का पता चला तो प्रकाश ने पत्नी से गर्भपात करने को कहा पर
उसने ऐसा करने से इंकार कर दिया तो पति ने इतनी पिटाई की कि वह अधमरी हो गयी।
गंभीर
रूप से घायल पत्नी को पड़ोसियों ने निकट के अस्पताल में भर्ती कराया गया पर उसे बचाया
न जा सका।
धर्मप्रांतीय मानव जीवन संगठन के सदस्य पास्कोल कारवाल्लो ने इस घटना
पर गहरा ख़ेद व्यक्त करते हुए कहा कि समाज की ऐसी घटनायें मन को विचलित कर देतीं हैं।
स्थानीय पुलिस ने बताया कि प्रकाश का विवाह छः साल पूर्व हुआ था और उसके दो
बेटियाँ है। पुलिस ने प्रकाश को गिरफ्तार कर लिया है।
डॉक्टर कारवाल्लों ने बताया
कि लिंग पूर्वभावना के कारण अल्टरा साउन्ड प्रतिबंधित होने के बावजूद भारत में प्रत्येक
वर्ष 6 लाख लड़कियाँ कम होती जा रहीं हैं।
उन्होंने कहा कि नारियों पर दबाव
डाला जाता है कि वे लड़के बच्चों को जन्म दें ताकि रोजी रोटी के काम आ सके। भारतीय समाज
में कई लोग इस बात पर विश्वास करते हैं कि बच्ची का जन्म घर के लिये आर्थिक बोझ है।
सन्
2011 के आँकड़ों के अनुसार प्रत्येक 1000 लड़को के लिये 914 लड़कियाँ ही है। नर-नारी
का यह आँकड़े आज़ादी के बाद का सबसे असंतुलित आँकड़ा है।