सीरो मलाबार चर्च ने कार्डिनल वर्की वित्याथिल को 11 मई को उनके निधन के 41 वें दिन
याद कर समारोही ख्रीस्तयाग अर्पित किया।। पूर्वी रीति की काथलिक चर्च की सभी पल्लियों
में इस दिन अपने भूतपूर्व धर्मगुरू के लिए ख्रीस्तयाग और विशेष प्रार्थना चढाये गये जिनका
पहली अप्रैल को हृदयाघात होने से निधन हो गया था। भारत में पूर्वी रीति की कलीसियाएँ
पारम्परिक रूप से व्यक्ति का निधन होने के 41 वें दिन विशेष प्रार्थना सभा का संचालन
करती हैं। त्रिचूर के सेवानिवृत्त महाधर्माध्यक्ष जेकब थूमकुजही ने कोच्चि स्थित
सेंट मेरी काथिड्रल बासिलिका में स्व. कार्डिनल वित्थिल की स्मृति में समारोही ख्रीस्तयाग
की अध्यक्षता की। इसमें धर्माध्यक्षों सहित लगभग दो हजार विश्वासी शामिल हुए। महाधर्माध्यक्ष
थूमकुजही ने कार्डिनल वित्याथिल को संघर्ष तथा विरोधों के बीच भी कलीसियाई शिक्षा को
जीनेवाले रोल माडल के रूप में स्मरण किया। चर्च के अंतरिम प्रशासक धर्माध्यक्ष बोस्को
पुत्तुर ने कहा कि व्रणों की चंगाई तथा पीड़ा से मुक्ति पाने के लिए कार्डिनल महोदय प्रार्थना
का सहारा लेते थे। एर्नाकुलम के सहायक धर्माध्यक्ष थोमस चाकियाथ ने बासिलिका के अंदर
निर्मित कार्डिनल की समाधि पर मृतकों के लिए प्रार्थना अर्पित किया। चर्च की लोकधर्मी
समिति ने स्व. कार्डिनल मार वित्याथिल-जीवन और दर्शन शीर्षक से एक सेमिनार का आयोजन
किया। समिति के अध्यक्ष कंजिरापल्ली के धर्माध्यक्ष मैथ्यू अराकाल ने कार्डिनल महोदय
को विश्वास की मशाल की संज्ञा देते हुए कहा कि उन्होंने धार्मिक और राजनैतिक विभाजनों
से ऊपर सब लोगों को प्रभावित किया। वे न केवल कलीसियाई समुदाय लेकिन अन्य समुदायों के
लिए भी प्रेरणा के सतत स्रोत थे।